ओवैसी का 'मुगलिया' सवाल
मुग़ल तो मुसलमान हैं अथवा मुग़लों से मुसलमानों का कोई रिश्ता नहीं है
मुग़ल तो मुसलमान हैं अथवा मुग़लों से मुसलमानों का कोई रिश्ता नहीं है? ओवैसी का यह सवाल फिजूल और बेमानी है। वैसे ओवैसी बहसतलब शख्स भी नहीं हैं, लेकिन संदर्भ ऐतिहासिक है, लिहाजा उसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। ओवैसी ने हाल के उप्र चुनावों के दौरान गरज-गरज कर दावा किया था कि हमने 800 साल तक हिंदुस्तान पर हुकूमत की है। हुकूमत तो मुग़ल बादशाहों ने की थी और इतिहास गवाह है कि उन बादशाहों में एक भी ओवैसी का पुरखा नहीं था। यदि मुग़लों और मुसलमानों में कोई रिश्ता नहीं है, तो फिर ओवैसी क्यों फुलफुलाते रहते हैं? मुग़लिया हुकूमत को भारतीय मुसलमानों से क्यों जोड़ा जा रहा है? आजकल तमाम मुस्लिम मौलाना, मौलवी, नेता और स्कॉलर औरंगज़ेब के प्रवक्ता क्यों बने हैं और टीवी चैनलों की चर्चा में मुग़ल बादशाहों की पैरोकारी क्यों कर रहे हैं? वैसे मुग़ल या मुसलमानों के रिश्तों की आज कोई प्रासंगिकता नहीं है और न ही हम इतिहास खंगाल कर रिश्ते कायम करना चाहते हैं। ओवैसी देश के एक फीसदी मुसलमानों के भी नेता नहीं हैं। विभिन्न जनादेशों से यह स्पष्ट हो जाता है, लेकिन ओवैसी सिर्फ मुसलमानों को भडक़ाने-सुलगाने की ही सियासत करते रहे हैं। देश में टकराव के हालात पैदा होते हैं और मज़हबी नफरत बढ़ती है। संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उनसे ज्यादा दुरुपयोग किसी और ने नहीं किया।
सोर्स -divyahimachal