परिवहन की नई परिभाषा
इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ते हिमाचल के लिए यह ऐसा मर्यादित आचरण भी है,
इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ते हिमाचल के लिए यह ऐसा मर्यादित आचरण भी है, जो पर्वतीय महत्त्वाकांक्षा को सुखद परिणति की ओर ले जा सकता है। ऐसे में उद्योग एवं पर्यटन मंत्री द्वारा जो खाका बनाया जा रहा है, उसके परिणामों के प्रति जनसहयोग अभिलषित है। हिमाचल में परिवहन की नई परिभाषा व विकल्प समय की जरूरत हैं और इनमें से एक निश्चित रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों का अधिकतम उपयोग है। राष्ट्रीय नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा रहा है और इसके लिए उत्पादन लागत भी घटाई जा रही है। हिमाचल में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सर्वप्रथम राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतें ही कारगर सिद्ध हुईं और मनाली-रोहतांग मार्ग इन्हें प्रशस्त करने का मॉडल बना था। हालांकि इसके बाद प्रादेशिक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए रोडमैप बने और कुछ शहरों में तो बाकायदा छोटी गाडिय़ां चलाई भी गईं, लेकिन इससे कोई परिवर्तन नहीं आया। परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर अब नई योजना व नई नीति के तहत फिर प्रदेश के फेफड़ों में जोश भर रहे हैं, तो देखना होगा कि सार्वजनिक व निजी स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति कैसा माहौल बनता है।
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