पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
जीवन में बहुत कुछ महत्वपूर्ण ऐसा भी होता है जो अज्ञात, अनजान होता है। विज्ञान हर चीजों को उधेड़कर देखता है, पर अध्यात्म कहता है कुछ बातें अज्ञात रहें तो ही अच्छा है। पिछले दिनों अमेरिका में लॉटरी टिकट खरीदने कतार में लगी एक महिला को किसी पुरुष का धक्का लगा और जिस विशेष नंबर का टिकट वह खरीदना चाहती थी, उसकी जगह उसका हाथ किसी दूसरे नंबर के टिकट पर चला गया।
महिला उस पुरुष पर नाराज हुई, बहुत झल्लाई, लेकिन बाद में उसी दूसरे नंबर पर 75 करोड़ की लॉटरी खुल गई। जिंदगी में कई बार ऐसा होता है। कई बातें, कई घटनाएं पता भी नहीं लगतीं और घट जाती हैं। हमारे यहां नरसिंह अवतार में भगवान खंभा फाड़कर प्रकट हुए थे, जबकि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस तरह खंभे में से भी भगवान निकल सकते हैं। इसलिए कुछ अज्ञात घटनाओं को भी स्वीकार कीजिए और जिंदगी में बहुत कुछ होने दीजिए। सबकुछ हम कर लेंगे, ऐसा न करें। 'कुछ हम करें-कुछ होने दें' का सिद्धांत आपको बहुत हल्का कर देगा।