भारत-चीन बातचीत बेनतीजा, LAC पर बढ़ा तनाव
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी तनाव कम होने के आसार फिर धूमिल हो गए हैं
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी तनाव कम होने के आसार फिर धूमिल हो गए हैं. भारत और चीन के बीच रविवार को हुई 13वें कोर कमांडर लेवल की बातचीत बेनतीजा रही. चीन की हठधर्मिता और पूर्ववर्ती स्थिति बहाल न करने की जिद ने दोनों देशों के बीच बातचीत को बेपटरी कर दिया है. एलएसी पर चीन की तरफ मोलडो में यह बैठक रविवार शाम 7 बजे तक चली थी. इस बैठक में मौजूदा हालात के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि चीनी सेना ने एकतरफा कार्रवाई करते हुये एलएसी पर स्थिति को बदलने की कोशिश की, जिसके चलते ये तनाव पैदा हुआ. चीन की यह कार्रवाई भारत के साथ पिछले सभी समझौतों का उल्लंघन है इसलिये यथास्थिति को बहाल करने की जिम्मेदारी चीन की है.
बैठक में भारत ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए चीन के सामने डिसइंगेजमेंट का प्लान रखा, लेकिन चीन उस पर राजी नहीं हुआ. साथ ही चीन ने अपनी तरफ से कोई प्लान भी पेश नहीं किया जिससे एलएसी पर सेनाएं पीछे हटें. चीन के इस रुख से बैठक को बिना किसी परिणाम के समाप्त करना पड़ा.
विदेश मंत्रियों की बैठक में तय हुई थी रूपरेखा
पिछले महीने में चीन और भारत के विदेश मंत्री दोशांबे में मिले तो इस बैठक की रूपरेखा तय हुई. डॉ जयशंकर और वांग यी ने रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए एलएसी पर तनाव को कम करने पर सहमति जताई थी. एलएसी पर हॉट स्प्रिंग और देपसांग में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है, क्योंकि सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने खड़ी हैं. इस स्थिति पर भारत का रुख साफ है कि जब तक पूरी तरह से यथास्थिति बहाल नहीं होती भारत अपनी सेनाओं को एलएसी से वापस नहीं करेगा.
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