2022 का आपका लक्ष्य 'मुंहजुबानी' बनकर न रह जाए तो इसे लिख लें और एक-एक कदम चलकर इसे करें हासिल
मुझे यकीन है कि 2021 के आखिरी दो-तीन दिनों में दफ्तर में आपके करीबियों ने कैंटीन में चाय की चुस्कियां लेने जरूर बुलाया होगा
एन. रघुरामन का कॉलम:
मुझे यकीन है कि 2021 के आखिरी दो-तीन दिनों में दफ्तर में आपके करीबियों ने कैंटीन में चाय की चुस्कियां लेने जरूर बुलाया होगा, क्योंकि बाहर कड़ाके की सर्दी है। इस बुलावे के बाद कुछ लोगों से 2022 के लक्ष्यों की लंबी लिस्ट पर भी बात हुई होगी, जो वे पाना चाहते हैं या चाहती हैं। उन्होंने शायद कुछ ऐसे लक्ष्य बताए होंगे जैसे, 'देखना, मैं 2022 में 2014 की जींस में फिट हो जाऊंगा, मैं अपनी कार बदल दूंगा' और उनके ऐसे कई अधूरे सपने होंगे।
पर आपने अपने दोस्तों को ऐसे नहीं कहा होगा, जैसे रेडियो जॉकी (आरजे) अर्चना जानी कहती हैं, 'बॉस, ये सब पाने के लिए आपको कुछ प्लानिंग करनी होगी और वे लक्ष्य हासिल करने के लिए कदम-दर-कदम उसकी प्रक्रिया लिखने की जरूरत है।' हां, भास्कर के रेडियो 'माय एफएम' में कल अपने लोकप्रिय शो 'सलाम अमदाबाद' में अर्चना ने ये कहा, जिसमें मुझे 45 सेकंड के लिए आमंत्रित किया गया था!
अर्चना की कहने की अपनी एक शैली है, जिसमें श्रोताओं को हर्ट किए बिना वह बोलचाल की गुजराती और हिंदी वाली 'कॉकटेल भाषा' में रोज़ाना अपने युवा श्रोताओं का मनोरंजन करती है। अगर मैं अपनी बातचीत में थोड़ा धीमा हूं, तो वह बेसब्री दिखाएगी और मुझे अपनी पूरी बात रखने देगी, पर मेरे धीमे बोलने के कारण ज़ाया हुए समय की भरपाई के लिए वह बहुत जल्दी-जल्दी बोलेगी ताकि श्रोता बोर न हों। इन आरजे लोगों का संतुलित करने वाला ये अंदाज़ और श्रोताओं के लिए प्रतिबद्धता मुझे बहुत अच्छी लगती है।
इससे बातचीत बहुत खुशनुमा, हल्की-फुल्की और आनंददायक हो जाती है, पर तथ्यों-आंकड़ों के कारण सीधी बात भी होती है। अधिकांश आरजे ये अच्छी तरह करते हैं। वे तथ्य रखने के लिए मुझ जैसे गेस्ट बुलाकर अपने श्रोताओं को चौंका देते हैं पर खुद तपाक से कोई तड़कता-भड़कता गाना चलाकर प्यार से दुलारते हैं और ठीक ऐसा कहते हैं, जैसा अर्चना ने कहा, 'अभी के लिए मेरा गोल ये गाना सुनना है और इसके बोल समझने की कभी कोशिश नहीं करना।'
पर गंभीरता से कहूं कि अगर आप अपना लक्ष्य पाना चाहते हैं, तो पहले पेन-पेपर से शुरू करें। ये सच है कि हम तकनीक से पूरी तरह बदल गई दुनिया में रहते हैं, पर पेन-पेपर से विचारों को जैसी दिशा और एकाग्रता मिलती है, वह कोई और नहीं दिखा सकता। जब हम लिखते हैं, तो दिमागी तंत्र कुछ ऐसा जुड़ता है कि वह दिमाग को इधर-उधर नहीं भटकने देता। दूसरा अगर आप पागल हाथी (पढ़ें दिमाग) को प्रशिक्षित करना चाहते हैं, तो उसे पहले काबू में करना होगा।
मन की एकाग्रता का अभ्यास करने से आपका मन धीरे-धीरे वश में होगा। दिमाग काबू करना ही इकलौता खुद पर काबू है और जब एक बार यह काबू में आ गया तो हर चीज नियंत्रित हो जाएगी। इसलिए हर दिन अपनी पसंद के किसी भी काम से दिमाग को एकाग्र करें- ये श्वास लेना भी हो सकता है, वज़न कम करना या समुद्री लहरें देखना...फिर देखें कि कैसे दिमाग तुरंत किए जाने वाले कामों को हिस्सों में बांटना शुरू कर देता है।
किसी एक काम में दक्षता हासिल किए बिना, कई कामों में उत्कृष्टता हासिल नहीं की जा सकती। याद रखें आरजे के इकलौते काम में उत्कृष्टता वही है, जहां वे श्रोताओं को एक सेकंड के लिए भी बोर नहीं होने देते। 2022 के लिए मेरा लक्ष्य आप सबको बहुत ज्यादा जानकारी से परिपूर्ण रखना है, क्योंकि जैसा ये गीत कहता है..'हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी, छांव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी..हर पल यहां जी भर जियो..'
फंडा यह है कि अगर आप चाहते हैं कि 2022 का आपका लक्ष्य 'मुंहजुबानी' बनकर न रह जाए तो इसे लिख लें और एक-एक कदम चलकर इसे हासिल करें। मैंने तो अपना लक्ष्य लिख लिया है, आपका क्या? आप सबका 2022 हैप्पी हो।