शुभ और साफ-सुथरी राजनीति के साथ देशहित में कुछ करना हो तो नीयत भी साफ रखना होगी
हमारा भारत प्रजातांत्रिक देश है इसलिए यहां राजनीति सबसे ऊपर और प्रभावी है
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
हमारा भारत प्रजातांत्रिक देश है इसलिए यहां राजनीति सबसे ऊपर और प्रभावी है। लोग राजनीति या नेताओं को कितना ही कोस लें, उनके बिना काम चलेगा भी नहीं। राजनीति कोई गलत काम नहीं है। समय आने पर तो भगवान राम को भी करनी पड़ी थी। विभीषण को शरण देना और लंका पर आक्रमण से पहले शिवजी की स्थापना करना राजनीति के काफी निकट के निर्णय थे, लेकिन इनके पीछे नीयत साफ थी तो राजनीति भी शुभ कार्य बन गई।
हां, यदि नीयत खराब हो तो राजनीति बहुत खतरनाक भी हो सकती है। पिछले दिनों एक राजनेता ने निजी चर्चा में मुझसे कहा, हम इस दलदल में इतने फंस चुके हैं कि चाहकर भी बाहर नहीं निकल सकते। आसपास का दृश्य देखकर अब डर-सा लगता है। मतलब साफ है कि देश का भविष्य तो दूर, राजनेता अपने भविष्य को लेकर ही निश्चित नहीं हैं। सामान्य कार्यकर्ता तो मानो राजनीति की दुकान के सामान हो गए हैं।
वह सामान जो ग्राहकों को ठगने के काम आता है। जो कार्यकर्ता परिवार के सदस्य की तरह अपने दल में प्रेम व सम्मान पाने का अधिकारी था, अधिकांश मौकों पर वह नौकर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसी राजनीति करने और भोगने वालों को एक दिन निराश होना ही है। शुभ और साफ-सुथरी राजनीति के साथ देशहित में कुछ करना हो तो नीयत भी साफ रखना होगी।