उम्मीद बढ़ाना ठीक नहीं
शनिवार से देश भर में पहले चरण का कोरोना टीकाकरण शुरू हो रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनिवार से देश भर में पहले चरण का कोरोना टीकाकरण शुरू हो रहा है। जाहिर है, ये संतोष और खुशी की बात है। इसके बावजूद उचित यही होगा कि जो हकीकत सामने है, उसे ध्यान में रखा जाए। हकीकत यह है कि फिलहाल ज्यादा उम्मीद बढ़ाने की स्थिति नहीं है। एक तो अभी पहले चरण का टीकाकरण शुरू हो रहा है, जिसमें 30 करोड़ लोगों को टीका लगेगा। इसमें ही कई महीने लगेंगे। मुमकिन है आधा साल गुजर जाए। यानी इस चरण के बाद सौ करोड़ लोग बचे रहेंगे। उनके बारे में अभी कोई योजना नहीं है। बहरहाल, ये उम्मीद नियंत्रण में रखने की चेतावनी सिर्फ भारत के लिए प्रासंगिक नहीं है। बल्कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के निष्कर्ष पर गौर करें तो टीकाकरण शुरू हो जाने के बाद भी 2021 में दुनिया हर्ड इम्यूनिटी हासिल नहीं कर सकेगी। संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने इसके लिए ये तीन कारण बताए हैं: पहला, विकासशील देशों में पूरी जनता तक टीके का ना पहुंचना; दूसरा, बड़ी संख्या में लोगों का टीके पर विश्वास ना करना, और तीसरा, वायरस की किस्म का बदलना।