हिमाचल ने स्थापित किए विकास के नए आयाम

हिमाचल प्रदेश ने आज अपने अस्तित्व के 74 वर्ष पूरे कर लिए हैं

Update: 2022-04-14 19:07 GMT

हिमाचल प्रदेश ने आज अपने अस्तित्व के 74 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस पावन अवसर पर मैं प्रदेश के सभी लोगों को हार्दिक बधाई देते हुए उनके सुखमय एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। मैं, हिमाचल प्रदेश को एक शांतिपूर्ण, प्रगतिशील एवं समृद्ध राज्य बनाने में रचनात्मक सहयोग देने के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करता हूँ। देश की आज़ादी के ठीक 8 माह बाद 15 अपै्रल 1948 को हमारा यह खूबसूरत पहाड़ी प्रदेश 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय से केन्द्रशासित चीफ कमीशनर्स प्रोविन्स के रूप में अस्तित्व में आया। यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक और गौरवमयी अवसर है। यह दिवस हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों, वीर जवानों की शौर्यगाथा, हमारी समृद्ध विरासत और राज्य को निरंतर विकास पथ पर आगे ले जाने में प्रदेशवासियों की कड़ी मेहनत का पर्व है। गठन के समय हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सुविधाओं का बहुत अभाव था। यहां की कठिन भौगोलिक परिस्थितियांे और संसाधनों की कमी के कारण प्रदेश को विकास की राह पर आगे ले जाना एक बड़ी चुनौती थी। पेयजल, बिजली, सड़क तथा शैक्षणिक व स्वास्थ्य संस्थानों जैसी मूलभूत सुविधाएं नाम मात्र थीं। लेकिन प्रदेश के मेहनती और ईमानदार लोगों ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए हिमाचल को एक खुशहाल राज्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राज्य के गठन के बाद हिमाचल प्रदेश ने विकास की राह पर तेज़ी से अपने कदम आगे बढ़ाए और आज यह प्रदेश देश के अन्य बड़े राज्यों के लिए भी विकास का मॉडल बना है। इस पावन अवसर पर मैं हिमाचल निर्माता और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार तथा समय-समय पर प्रदेश को नेतृत्व प्रदान करने वाले सभी मुख्यमंत्रियों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस पहाड़ी प्रदेश के विकास और इसकी अलग पहचान बनाने के लिए अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। आप सभी के आशीर्वाद और सहयोग से मुझे पिछले सवा चार वर्षों से आपकी सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हमारी सरकार ने सत्ता की बागडोर संभालते ही दृढ़संकल्प लिया कि हम नई सोच और मज़बूत इरादों के साथ प्रदेश और यहां के लोगांे की बेहतरी के लिए काम करेंगे। हमने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र को अपने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाकर लोगों से किए सभी वायदों को ही पूरा नहीं किया, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कई नई योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ कर जन कल्याण की दिशा में काम किया है। हमारी सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्य करने के बजाय केवल प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और प्रदेश के तीव्र एवं संतुलित विकास पर ध्यान कंेद्रित किया है। कोरोना महामारी के कारण हिमाचल को भी संकट के दौर से गुज़रना पड़ा, लेकिन आप लोगों के सहयोग से हमने इस स्थिति पर नियंत्रण पाया और विकट परिस्थितियों में भी विकास की गति को धीमा नहीं पड़ने दिया।
प्रदेश सरकार संवदेनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित बनाने के हरसंभव प्रयास कर रही है। बुजुर्ग हमारा अभिमान हैं और उनका सम्मान करना हमारा दायित्व है। हमने बुजुर्गों को पेश आने वाली परेशानियों को नज़दीकी से अनुभव किया और उन्हें दूर करने का संकल्प लिया ताकि वे सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी पहली ही मंत्रिमंडल की बैठक में बिना किसी आय सीमा वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने की आयु 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष की जिसे अब घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया है। इस फैसले से इस साल लगभग एक लाख और लोगांे को पेंशन का लाभ मिलेगा। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में 2 लाख 21 हज़ार लोगांे को पेंशन स्वीकृत की गई है। वर्ष 2017 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई, उस समय सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर करीब 436 करोड़ रुपए खर्च किए जाते थे जबकि आज 1300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। हमने महसूस किया कि लोगों को अपने विभिन्न सरकारी कार्य करवाने के लिए कई बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं जिससे धन और समय दोनों जाया होते हैं। प्रदेशवासियों को इन परेशानियों से मुक्त करने और घर-द्वार के नज़दीक ही उनकी शिकायतों का निवारण सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने जनमंच की अनूठी पहल की। यह प्रसन्नता का विषय है कि यह कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय साबित हुआ है। अब तक 244 स्थानों पर आयोजित कुल 25 जनमंचों में प्राप्त 54 हज़ार 565 समस्याओं में से अधिकांश का निपटारा किया जा चुका है। इसी पहल में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 शुरू की जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज़ करवाकर एक निश्चित समय की अवधि में उसका समाधान पा सकता है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक लगभग 3 लाख 55 हजार प्राप्त हुई हैं जिनमें से 3 लाख 41 हज़ार का निपटारा किया जा चुका है। रसोई के चूल्हे के लिए लकडि़यां इकट्ठा करने में समय की बर्बादी और धुएं से उनके स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से महिलाओं को छुटकारा दिलाने में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना कारगर साबित हुई है। इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रहे प्रदेश के और पात्र परिवारों के लिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना आरंभ की। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 3 लाख 25 हजार परिवारों तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 1 लाख 37 हजार परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन सहित तीन सिलेंडर निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। हमने इस वित्त वर्ष से इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को एक और अतिरिक्त निःशुल्क सिलेंडर प्रदान करने का निर्णय लिया है।
हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री शगुन योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत बी.पी.एल. परिवारों की बेटियों की शादी के लिए 31 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। बेसहारा महिलाओं और लड़कियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बहुत लाभदायक साबित हुई है। हमारी सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत एक परिवार के पांच सदस्यों को एक साल में 5 लाख रुपए तक के निःशुल्क ईलाज की सुविधा दी जा रही है। अभी तक लगभग 5 लाख 40 हज़ार परिवार पंजीकृत किए जा चुके हैं तथा 2 लाख 40 हज़ार लोगों के मुफ्त ईलाज के लिए 218 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत नए परिवारों का पंजीकरण अब पूरे साल होता रहेगा। प्रदेश में लागू की जा रही केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 4 लाख 28 हज़ार परिवार पंजीकृत हैं तथा 1 लाख 26 हज़ार रोगियों के उपचार के लिए 154 करोड़ 16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों को वित्तीय सहायता देने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सहारा योजना शुरू की है जिन्हें उपचार के लिए 3 हज़ार रुपए की मासिक आर्थिक सहायता दी जा रही है। अभी तक इस योजना से लगभग 18 हज़ार लाभार्थियों को उपचार के लिए 60 करोड़ 50 लाख रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री निःशुल्क दवाई योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में 1374 प्रकार की दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इस योजना पर सरकार 216 करोड़ रुपए से अधिक व्यय कर चुकी है। मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष के माध्यम से गंभीर रोगों से ग्रस्त गरीब लोगों को प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली और चंडीगढ़ में सैक्टर 32 स्थित सरकारी अस्पताल में मुफ्त ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व मंे केंद्र सरकार से प्रदेश को बिलासुपर में एम्स और ऊना में पीजीआई के सेटेलाइट सेंटर और तीन मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिली है। भारत सरकार ने प्रदेश के लिए एक मेडिकल डिवाइस पार्क स्वीकृत किया है जिसका कार्य इस वर्ष नालागढ़ में आरंभ हो जाएगा। इस पार्क से प्रदेश में 5 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 10 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा। हमारी सरकार युवाओं को रोज़गार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रही है। इस दिशा में मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना बहुत प्रभावशाली साबित हुई है।
इसके अंतर्गत युवाओं को व्यापारिक गतिविधियां आरंभ करने के लिए एक करोड़ रुपए तक की मशीनरी व संयंत्र में निवेश करने पर 25 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। हमने इस साल से महिलाओं को मिलने वाले उपदान को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांगों के लिए 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 624 करोड़ रुपए के निवेश की 3 हज़ार 758 इकाइयां स्थापित की गईं हैं जिनमें लगभग 10 हज़ार से अधिक युवाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के आर्थिक विकास में निवेश के महत्व को ध्यान में रखते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए ठोस पहल की है। नवंबर, 2019 में प्रदेश में पहली बार धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्ज़ मीट का आयोजन किया गया जिसमें 96 हज़ार 721 करोड़ रुपए निवेश वाली 703 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इसके एक महीने बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने शिमला में आयोजित पहले ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में 13 हज़ार 656 करोड़ रुपए लागत की 240 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। प्रदेश सरकार का चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर 27 दिसंबर, 2021 को मंडी में आयोजित दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने 28 हज़ार 197 करोड़ रुपए लागत की 287 निवेश परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए। प्रदेश मंे अब तक लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश वाली औद्योगिक परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा चुका है। हमारे लिए यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि व्यापार में सुगमता में प्रदेश की रैंकिंग 16वें स्थान से 7वें स्थान पर पहंुच गई है। राज्य सरकार ने किसानों व बागवानों की आमदनी बढ़ाने, बेहतर सिंचाई एवं विपणन सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए कई नई और प्रभावी योजनाएं आरंभ की हैं। प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम देने में कारगर साबित हुई है। प्रदेश के लगभग एक लाख 68 हज़ार से अधिक प्रगतिशील किसान इस प्रणाली को अपना चुके हैं। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार व्यक्तिगत और सामूहिक तौर पर खेतों की सोलर बाड़बंदी के लिए उपदान की सुविधा प्रदान कर रही है। प्रदेश मंे एकीकृत बागवानी मिशन के कार्यान्वयन से बागवानी विकास के लिए उपकरण, जल भंडारण टैंक और फूलों की संरक्षित खेती आदि के लिए उपदान दिया जा रहा है।
इस मिशन के अंतर्गत 135 करोड़ 54 लाख रुपए व्यय कर 16 हज़ार 850 किसानों को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बागवानी विकास के लिए एच.पी. शिवा योजना कार्यान्वित की जा रही है। हमारी सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए 60 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने और 61 से 125 यूनिट तक एक रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। किसानों के लिए बिजली की दर 30 पैसे प्रति यूनिट की गई है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से लगभग 11 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री रोशनी योजना के अंतर्गत गरीब लोगांे को 12 हज़ार 837 पात्र परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में 5 हज़ार अतिरिक्त पात्र परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। प्रदेश में हुए विकास की गाथा लंबी है। इसके अलावा भी कार्य हुए हैं। भविष्य में भी हम विकास के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
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