अब जागना ही होगा
संयुक्त राष्ट्र के इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर यह अहसास कराया है कि दुनिया विनाश की ओर तेजी से बढ़ती जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र के इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर यह अहसास कराया है कि दुनिया विनाश की ओर तेजी से बढ़ती जा रही है। दो सौ से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बात सुदूर अतीत की या सदी के आखिर की नहीं है कि मौजूदा पीढ़ी यह सोचकर निश्चिंत रहे कि जो भी होगा, हमारी आंखों के सामने तो नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा हालात बने रहे तो दो दशक के अंदर यानी 2040 तक ही पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका होगा। उसके नतीजों के रूप में हमें जो कुछ भुगतना पड़ेगा, उसका अंदाजा लगाने के लिए रिपोर्ट के विस्तार में जाने या ऐसे ही अन्य अध्ययनों को खंगालने की जरूरत नहीं है। प्रकृति अभी से अलग-अलग घटनाओं-आपदाओं के रूप में हमें प्रत्यक्ष रूप से इसका संकेत देने लगी है। अपने देश में पहाड़ों के टूटने, ग्लैशियर खिसकने और एक ही समय में कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां बनने की खबरें अब पहले की तरह नहीं चौंकातीं। अन्य देशों में भी मौसम की ऐसी विचित्रताएं सामान्य लगने लगी हैं। अमेरिका और कनाडा के जंगलों की आग दुनिया भर में खबर बनी। दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में गिने जाने वाले साइबेरिया में अत्यधिक गर्मी (सीवियर हीट) पड़ी है और जंगल में आग लगने की घटनाएं भी हुई हैं।