Gandhi Jayanti: देश महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा आगे, आज बापू होते तो क्या कहते?

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है. आज पूरे देश ने बापू को याद किया. वैसे आज के दिन राष्ट्रपिता को याद करते हुए कुछ लोग ये कहना नहीं भूलते की आज बापू होते तो क्या कहते

Update: 2021-10-02 15:08 GMT

राहुल सिन्हा आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है. आज पूरे देश ने बापू को याद किया. वैसे आज के दिन राष्ट्रपिता को याद करते हुए कुछ लोग ये कहना नहीं भूलते की आज बापू होते तो क्या कहते? राजनीति की डिक्शनरी में पिछले कई दशक से एक वाक्य जिसे स्थाई कर दिया गया है वो ये कि आज बापू होते तो कितना दुखी होते या बापू के सपनों का भारत ऐसा तो नहीं था. इस तरह की बात करने वालों से हमारा एक ही सवाल है, क्या आजादी से लेकर आज तक भारत ने उस दिशा में तरक्की नहीं की है जिस दिशा में भारत को बापू ले जाना चाहते थे? इस सवाल का जवाब हम कुछ आंकड़ों के जरिए तलाशने की कोशिश करेंगे.

जब देश आजाद हुआ तब अनाज की उपज कम थी. देश को अनाज आयात करना होता था. 1960 के दशक में भारत अनाज का निर्यातक बन गया. 2020-21 में भारत में 305.44 मिलियन टन अनाज उत्पादन की उम्मीद है. आजादी के वक्त देश की GDP महज 2.7 लाख करोड़ रुपए हुआ करती थी, आज देश की GDP 135.13 लाख करोड़ रुपए है. भारत 2031 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
भारत फॉरेन रिजर्व के मामले में दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश
आजादी के समय भारत का विदेशी मुद्दा भंडार बेहद कम था. 1950-51 में भारत का फॉरेन रिजर्व महज 1029 करोड़ रुपए का था. भारत की धीमी रफ्तार तरक्की के लिए कमजोर फॉरेन रिजर्व को भी जिम्मेदार माना जाता है. आज भारत का फॉरेन रिजर्व 46.17 लाख करोड़ है. आज भारत फॉरेन रिजर्व के मामले में दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है.
आजादी के समय भारत में सड़कों के रास्ते सफर करना मुश्किल था. तब देश में महज 0.4 मिलियन किलोमीटर सड़कें थीं. आज भारत में 6.4 मिलियन किलोमीटर सड़क हैं. सड़क नेटवर्क के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. बात बिजली की करें तो सरकारी आंकड़ों के मुतिबक 1950 में भारत के सिर्फ 3061 गांवों तक ही बिजली पहुंची थी. आज देश के 5,97,464 गांव बिजली से रोशन हैं.
भारत में है 81.72 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
विकास के एक और पैमाने यानी FDI यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बात करते हैं, 1948 में देश में महज 256 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश था. आज भारत में 81.72 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है. ये वो आंकड़े हैं जो आजादी के बाद भारत की तरक्की की कहानी कहते हैं. बापू ने देश की गरीबी, दरिद्रता, अशिक्षा, बीमारी को दूर कर खुशहाली लाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी. ये आंकड़े बताते हैं कि देश उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है जो रास्ता बापू का दिखाया हुआ है. देश बापू के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.


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