सभी को लगे कोरोना टीका !
सवाल उठना वाजिब है कि जब भारत का सरकारी व निजी क्षेत्र का चिकित्सा तन्त्र प्रत्येक दिन एक करोड़ लोगों को कोरोना टीका लगा सकता है
सवाल उठना वाजिब है कि जब भारत का सरकारी व निजी क्षेत्र का चिकित्सा तन्त्र प्रत्येक दिन एक करोड़ लोगों को कोरोना टीका लगा सकता है तो यह टीका सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए विशेष रूप से युवा वर्ग के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है? कोरोना संक्रमण के नये दूसरे हल्के हमले को देखते हुए क्या हमें टीकाकरण की नई नीति नहीं अपनानी चाहिए? इसके साथ ही भारतीय संघीय व्यवस्था को देखते हुए क्या राज्य की सरकारों को अपने नागरिकों के टीकाकरण के लिए मुक्त हस्त नहीं दिया जाना चाहिए जिससे कोरोना संक्रमण के हमले को पूरी तरह असफल किया जा सके और सभी भारतीयों को इससे भयमुक्त किया जा सके। फिलहाल केवल 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को ही यह टीका लगाया जा रहा है और 45 वर्ष से ऊपर के उन लोगों को भी यह सुविधा दी जा रही है जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। मगर टीकाकरण वह रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है जिसकी उम्मीद की जा रही थी। इसकी वजह टीके के बारे में कुछ भ्रम व अफवाहें फैलाना भी है। दुर्भाग्य से यह काम कुछ एेसे राजनीतिज्ञों ने किया है जिनका ईमान सिर्फ वोट बटोरना रहता है।