दिल्ली में बिजली की मांग 6,500 मेगावाट के पार

राजधानी में बीते दो दिनों से आसमान से आग बरस रही है। बढ़ती गर्मी के साथ ही दिल्ली में बिजली की मांग में काफी इजाफा हो गया है।

Update: 2021-06-25 03:20 GMT

राजधानी में बीते दो दिनों से आसमान से आग बरस रही है। बढ़ती गर्मी के साथ ही दिल्ली में बिजली की मांग में काफी इजाफा हो गया है। यही कारण है कि कई इलाकों में बिजली की अघोषित कटौती से उपभोक्ताओं को दो-चार होना पड़ रहा है।

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यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो गुरुवार को बिजली की अधिकतम मांग 6,540 मेगावाट थी। हालांकि इससे पहले इस साल सबसे अधिक बिजली की मांग 10 जून को 6,314 मेगावाट दर्ज की गई थी। इसी प्रकार गुरुवार को न्यूनतम मांग की बात करें तो सुबह 7:52 बजे बिजली की मांग 4,216 मेगावट दर्ज की गई थी। पर जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती गई बिजली की मांग बढ़ी और दोपहर 3:07 बजे पर इस साल की रेकॉर्ड मांग 6,540 मेगावाट दर्ज की गई।
दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनी बीएसईएस के प्रवक्ता सीपी कामत ने बताया कि इस साल 7,500 मेगावाट तक बिजली की मांग होने की संभावना है।
इसको लेकर कंपनी ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। इसके मद्देनजर 'समर एक्शन प्लान' बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं कहीं बिजली की कटौती हो रही है तो तकनीकी फॉल्ट हो सकता है। कंपनी की ओर से कहीं पर भी घोषित कटौती नहीं की जा रही है। पर बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में बिजली की कटौती हुई। शाहदरा, भजनपुर, सीलमपुर, दुर्गापुरी के अलावा दक्षिण और दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में गुरुवार को अघोषित बिजली की कटौती की गई थी।
दिल्ली में बिजली की उत्पादन के आंकड़ों पर नजर डालें तो गुरुवार शाम करीब 6:18 बजे 620 मेगावाट का उत्पादन किया जा रहा था। मांग और उत्पादन में भारी अंतर को बाहरी राज्यों में किए गए स्टॉक से पूरा किया गया। दिल्ली में चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड से बिजली लेकर आपूर्ति की गई।

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