समर्पित मातृत्व

गोल्फ के खेल और नोएडा गोल्फ कोर्स से जुड़े अभिजात तथा संभ्रांत सदस्यों को ‘मेरी हैड अ लिटिल लैंब’ वाला नर्सरी गीत तो याद होगा, लेकिन शायद पंचतंत्र की कहानियां न याद हों, जबकि पंचतंत्र की एक कहानी के एक विलक्षण पात्र से उनकी टक्कर गरमी-बरसात के दिनों में अक्सर होती रहती है।

Update: 2022-08-09 05:40 GMT

अरुणेंद्र नाथ वर्मा: गोल्फ के खेल और नोएडा गोल्फ कोर्स से जुड़े अभिजात तथा संभ्रांत सदस्यों को 'मेरी हैड अ लिटिल लैंब' वाला नर्सरी गीत तो याद होगा, लेकिन शायद पंचतंत्र की कहानियां न याद हों, जबकि पंचतंत्र की एक कहानी के एक विलक्षण पात्र से उनकी टक्कर गरमी-बरसात के दिनों में अक्सर होती रहती है। टक्कर यहां भेंट का पर्यायवाची नहीं है। टक्कर ही कहना पड़ेगा उस भेंट को, जो गोल्फ कोर्स के हरे-भरे मैदान में दो नितांत असमान जीवों के बीच रोज होती है। इस गैर-बराबरी की टक्कर में दो टांगों पर चलने वाला प्रकृति का सबसे शानदार नमूना इंसान हमेशा हारता है और हर बार जीतता है गोल्फ कोर्स पर अनधिकृत कब्जा जमाए बैठा वह दो कमजोर टांगों वाला पक्षी, जो मातृत्व के दो जुड़वां, लेकिन विरोधाभासी पहलुओं का शानदार नमूना है।

मातृत्व की उसकी सहज प्रवृत्ति अपनी संतति पर जरा-से खतरे के आभास के साथ रौद्र रूप धारण कर लेती है। मातृत्व की पदचाप सुन कर किसी सुरक्षित ऊंची जगह पर घोंसला बनाने के बजाय आलस्य की मारी टिटिहरी घास के मैदान के बीच कहीं भी जगह घेर कर उसे अपना घोंसला घोषित कर देती है। जाने-अनजाने में किसी जीव के कदम इस अनधिकृत कब्जे की तरफ बढ़े नहीं कि उसकी तीखी चीख सुनाई पड़ती है- 'हट हट, हट हट, किधर जा रहा है, चल हट्ट!' आने वाला अगर अब भी चौंक कर रास्ता न बदले, तो वह चोंच खोल कर धमकाती है, मानो आगे बढ़ा तो चोंच मार कर मुंह तोड़ देगी। अंडे सेता हुआ साथी इधर जोरदार धमकी दे रहा होता है, उधर उसका जोड़ा आगंतुक के सिर पर 'क्या कर्रिया है, चल हट, चल हट! रटते हुए मंडराने लगता है।

सरकारी जमीन पर अनधिकृत कब्जा रोकने वाले बुलडोजर कहीं और चलते होंगे। गोल्फ कोर्स में तो ट्रैक्टर जितनी विशाल घास काटने वाली मशीनों के ड्राइवर मातृत्व के इस अदम्य साहस भरे प्रदर्शन के आगे अपना रास्ता बदल लेते हैं और गोल्फ के खिलाड़ी अपनी गेंद का रुख मोड़ देते हैं। इतनी ही सहृदयता से वे सब पेश आते हैं अंडों से निकल कर फेयरवे (खेलने वाली हरित पट्टी) पर अपने अभिभावकों की निगहबानी में टहलते हुए नन्हे-नन्हे चूजों से। फिर जैसे ही चूजे अपना चारा खोजने में सक्षम हो जाते हैं, गोल्फ कोर्स की अघोषित मलिका टिटहरी अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर दूसरे पंछियों के साथ इस अघोषित अभयारण्य में खो जाती है।


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