देश में फिर बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले
यह चिंताजनक है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ रहे हैं
यह चिंताजनक है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ रहे हैं। ऐसी अटकलें और भी ज्यादा चिंता की बात हैं कि कोरोना वायरस के कुछ नए रूप में देश में सक्रिय होते जा रहे हैं। और उससे भी ज्यादा चिंता की बात इन सच्चाइयों से लोगों का लापरवाह हो जाना है। इसलिए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक शेखर सी मांडे की ये चेतावनी सही समय पर आई है कि कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। मांडे की बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। न सिर्फ ध्यान दिया जाना चाहिए, बल्कि उसके मुताबिक सावधानी और बचाव के उपाय फिर से किए जाने चाहिए। मां
डे ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन पर अति निर्भरता के कारण भी खतरा लगातार बना हुआ है। मांडे ने स्पष्ट किया कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता यानी हर्ड इम्युनिटी हासिल करने से दूर है। ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए। ये बातें मीडिया में लगातार दोहराए जाने की जरूरत है। साथ ही सरकार को भी अपने प्रचार माध्यमों से इन बातों को लेकर लोगों को आगाह करते रहना चाहिए। मांडे ने उचित ही कहा कि लोगआत्म संतुष्टि के भाव में चले गए हैँ। लेकिन अगर महामारी की तीसरी लहर आती है, तो वह उस चुनौती से कहीं अधिक खतरनाक स्थिति होगी जिसका अब तक देश ने सामना किया है।
जानकारों ने जोर दिया है कि कोवि़ड -19 मामलों में भारत में पिछले दिनों आई कमी का कारण हर्ड इम्युनिटी नहीं बल्कि अन्य कारण थे। उनमें मास्क पहनना और सर्दियों के दौरान लोगों का ज्यादातर घरों से बाहर रहना शामिल है। तथ्य यह है कि वायरस बंद क्षेत्रों में हवा में रहता है। खुले क्षेत्रों में वायरस की संक्रमण क्षमता कमजोर पड़ जाती है। इसलिए सर्दियों के दौरान प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिली। इसी कारण से पश्चिम में यह बीमारी नियंत्रण से बाहर हो गई, जहां लोग सर्दियों के दौरान घर के अंदर ही रहते हैं। इस सिलसिले में यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि हाल के दिनों में देश में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।