कोरोनाः जान का हिसाब
बिहार सरकार ने कोरोना महामारी से राज्य में हुई मौतों की आधिकारिक संख्या में बुधवार को संशोधन किया,
बिहार सरकार ने कोरोना महामारी से राज्य में हुई मौतों की आधिकारिक संख्या में बुधवार को संशोधन किया, जिससे अगले दिन 24 घंटे में देश में हुई कुल मौतों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई। हालांकि, तत्काल यह भी साफ हो गया कि मामला बिहार सरकार के आंकड़ों की गफलत से जुड़ा है और इससे देश में कोरोना महामारी के निरंतर सुधरते हालात पर कोई सवाल नहीं उठता। दरअसल, मौतें छुपाए जाने के आरोपों के बीच पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अप्रैल और मई में कोरोना से हुई मौतों की संख्या का ऑडिट कराने का आदेश दिया था। उसी आदेश का पालन करते हुए सरकार ने संशोधित आंकड़े जारी किए, जिससे राज्य में कोरोना से हुई मौतों की संख्या में एक ही दिन में 3951 का इजाफा हो गया। इस संख्या में उन मौतों को भी शामिल किया गया है, जो निजी अस्पतालों या होम क्वारंटीन में हुईं। एक बार ठीक हो जाने के बाद पोस्ट कोरोना कॉम्प्लिकेशंस से हुई मौतें भी इनमें शामिल हैं और अस्पताल के रास्ते में हुई मौतें भी। यह काम पहले ही होना चाहिए था। महामारी से जुड़ी हर मौत दर्ज होनी चाहिए