राहुल गांधी की राजनीति झूठ पर टिकी होने से कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही, पार्टी अपना रुख-रवैया बदलने को तैयार नहीं
इसमें संदेह है कि जी-23 गुट राहुल और उनके ही हिसाब से चल रही कांग्रेस को सुधार की राह पर ला सकते हैं।
जम्मू में जुटे कांग्रेस के जी-23 गुट के नेताओं ने भले ही अपने आयोजन को शांति सम्मेलन की संज्ञा दी हो, लेकिन इसके जरिये उन्होंने अपने असंतोष को ही प्रकट किया। उन्हें यह कदम शायद इसलिए उठाना पड़ा, क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व उन सवालों का समाधान करने को तैयार नहीं, जो उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर उठाए थे। जी-23 गुट के नेताओं की ओर से गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में नए सिरे से अपने तेवर दिखाए जाने के बाद भी यदि कांग्रेस अपना रुख-रवैया बदलने को तैयार नहीं होती तो इसका मतलब होगा कि वह सच स्वीकार करने को तैयार नहीं। जैसे इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता कि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है, वैसे ही इससे भी नहीं कि इसकी बड़ी वजह राहुल गांधी हैं, जो पर्दे के पीछे से मनमाने तरीके से पार्टी को संचालित कर रहे हैं। उनकी समस्त राजनीति झूठ पर टिकी है और उसका एकमात्र मकसद प्रधानमंत्री मोदी को नीचा दिखाना है।