जलवायु परिवर्तन : समय से पहले आ रहा बुढ़ापा

Update: 2024-12-25 12:50 GMT
Vijay Garg: जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान महिलाओं को समय से पहले बूढ़ा बना रहा है ? महिलाओं में झुर्रियां आदि समस्या बढ़ रही हैं। जलवायु परिवर्तन मौजूदा समय की एक ऐसी समस्या है जो अनगिनत तरीकों से इंसानों को प्रभावित कर रही है। दुनिया में तेजी से बढ़ता तापमान लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। शोधों से पता चला है कि तापमान और आर्द्रता, एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, वैसे-वैसे हृदय और फेफड़ों की समस्याओं जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, हमारी त्वचा जो सीधे तौर पर बाहरी वातावरण के संपर्क में आती है, उसके बारे में यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि क्या जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं या नहीं। हालांकि कुछ हालिया शोधों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन शरीर की जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से त्वचा समय से पहले बूढ़ी हो सकती है।
ऐसे में इसे समझने के लिए लीबनिज रिसर्च इंस्टीट्यूट फार एनवायरमेंटल मेडिसिन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई से जुड़े शोधकताओं के साथ मिलकर एक नया अध्ययन किया है। भारतीय महिलाओं पर किए अपने इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस बात की जांच की है कि तापमान और आर्द्रता त्वचा की बढ़ती उम्र को कैसे प्रभावित करते हैं। इस अध्ययन के नतीजे अंतराष्ट्रीय जर्नल डमार्टाइटिस में प्रकाशित हुए हैं।
यह अध्ययन भारतीय महिलाओं पर किया गया है। भारत, अपनी विविध जलवायु
और उच्च तापमान की वजह से इस शोध के लिए एक आदर्श स्थान है। अध्ययन में उनकी त्वचा की बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे कि पिगमेंटेशन स्पाट और झुर्रियों की, स्कोरिंग सिस्टम की मदद से जांच की गई है। इसके साथ ही शोधकताओं ने उन क्षेत्रों में जहां ये महिलाएं रहती हैं, वहां पिछले पांच वर्षों के तापमान, आर्द्रता, पराबैंगनी विकिरण और वायु प्रदूषण के आंकड़ों को भी एकत्र किया है। वायु प्रदूषण के ये आंकड़े पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन डाई आक्साइड के थे।
अध्ययन से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर जीन क्रुटमैन के हवाले से कहा गया है कि यह पहला अध्ययन है जो दशार्ता है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से इंसानों की त्वचा की उम्र तेजी से बढ़ रही है। उनका आगे कहना है कि हम इसके पीछे के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं और इससे बचाव से जुड़ी रणनीति विकसित करने के उद्देश्य से इसके लिए जिम्मेदार तंत्रों का विश्लेषण कर रहे हैं।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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