सिनेमाघर होंगे गुलजार!
राजधानी में सुधरते कोरोना हालात को देखते हुए अब और ढील दी गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अब सिनेमाघर, मल्टीप्लैक्स को पूर्ण क्षमता से खोलने की अनुमति दे दी है,विवाह समरोह में 200 लोगों के शामिल होने की भी स्वीकृति दे दी गई है।
आदित्य चोपड़ा: राजधानी में सुधरते कोरोना हालात को देखते हुए अब और ढील दी गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अब सिनेमाघर, मल्टीप्लैक्स को पूर्ण क्षमता से खोलने की अनुमति दे दी है,विवाह समरोह में 200 लोगों के शामिल होने की भी स्वीकृति दे दी गई है। एक नवम्बर से साप्ताहिक बाजार भी लगने लगेंगे। फिल्म उद्योग के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश का सर्किल काफी महत्वपूर्ण है। दुनियाभर में मुसीबत बने कोरोना वायरस की वजह से भारतीय फिल्म उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर भारत में किसी भी फिल्म के हिट और फ्लाप होने का फैसला दिल्ली, उत्तर प्रदेश के दर्शक ही करते हैं। कोरोना वायरस के चलते लगभग दो साल से सिंगल स्क्रीन सिनेमा अाैर मल्टीप्लैक्स बंद रहे। कोरोना की दूसरी लहर के शांत होते ही पहले सिनेमाघर आंशिक रूप से खोले गए। जिन राज्यों में सिनेमाघर आंशिक रूप से खोले गए वहां नामी-गिरामी स्टार की फिल्म रिलीज ही की गई लेकिन दर्शकों का रिस्पांस नहीं मिला। फिल्म उद्योग इस बात से चिंतित है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सिनेमा हाल में जाकर फिल्में देखने की आदत भी छूट गई। लोगों ने घरों में बैठकर ओटीटी प्लेटफार्मों पर िफल्मों का आनंद लिया। दक्षिण भारत में केरल आैर कुछ अन्य राज्यों जैसे असम में भी िसनेमाघर बंद रहने से फिल्मों का बिजनेस बहुत कम हो गया। ऐसी स्थिति में बड़े बजट की फिल्मों की रिलीज रोक दी गई। 300 करोड़ या इससे अधिक बजट की फिल्मों को रिलीज करने की तारीख टाल दी गई। अब क्योंकि हर राज्य में िफर से सिनेमाघर और मल्टीप्लैक्स खोल दिए गए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि दर्शक एक बार फिर सिनेमाघरों और मल्टीप्लैक्सों की ओर आकर्षित होंगे। कोरोना काल में फिल्म इंडस्ट्री को लगभग 5 हजार करोड़ का नुक्सान हो चुका है। संपादकीय :बज गई स्कूल बैल लेकिन...रिजर्व बैंक के गवर्नर का 'वजन'कुफ्र टूटा खुदा-खुदा करके !धुआं-धुआं न हो उत्सवसीमा पर चीन की बगुला भक्तिपदोन्नति में आरक्षण का मुद्दाकोरोना काल में लम्बे समय तक फिल्मों की शूटिंग नहीं होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए। लाखों लोगों की रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ। अब दिल्ली में सिनेमाघर खुलना फिल्म उद्योग के लिए भी खुशी की खबर है। महाराष्ट्र में भी सिनेमाघर खुल चुके हैं। अब नई फिल्मों की रिलीज होने का इंतजार है। सिनेमा संचालक काफी दिनों से हताश थे, अब उनके चेहरे पर उम्मीद की रौनक आ गई है। ब्रेक के बाद सिनेमाघर फिर से गुलजार होंगे। फिल्में लोगों के मनोरंजन का एक बड़ा साधन हैं। अब सवाल यह है कि क्या दर्शक सिनेमाघरों में लौटेंगे?अभी िसनेमा संचालकों को संयम से काम लेना होगा। अब दीपावली पर बड़े बजट की फिल्म 'सूर्यवंशी' रिलीज होने वाली है। जब एक के बाद एक बड़ी िफल्में रिलीज होंगी तो दर्शक सिनेमाघरों में लौटने लगेंगे। हो सकता है कि इसमें कुछ समय लगे। देश की अर्थव्यवस्था में भी फिल्म उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है। िफल्म उद्योग पटरी पर लौटेगा तो अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। जहां तक शादियों का सवाल है, उसमें 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है। धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होने की उम्मीद है। यद्यपि दिल्ली में अब सब कुछ खोल दिया गया है लेकिन कोरोना के वायरस से बचने के लिए अभी भी सतर्कता की जरूरत है। यह भी बड़ी राहत की खबर है कि दिल्ली सरकार के छठे सीरो सर्वे में 90 फीसदी से ज्यादा आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी मिलने की पुष्टि हुई है। इसमें पहले पांचवां सीरो सर्वे इसी साल जनवरी में हुआ था, उस दौरान 56.13 फीसदी आबादी में ही संक्रमण के खिलाफ एंटीबाडी पाई गई थी। इसका अर्थ यही है कि अप्रैल और मई में आई दूसरी लहर की तरह अब भविष्य में कोई लहर आने की सम्भावना दिखाई नहीं दे रही। क्योंकि दिल्ली की लगभग पूरी आबादी संक्रमण के खिलाफ एंडीबाडी प्राप्त कर चुकी है। हालांकि इसमें अलग एक तथ्य यह भी है कि िचकित्सीय विज्ञान ने अब तक हुई इम्युनिटी पर पूरी तरह भरोसा नहीं जताया है क्योंकि दुनिया के कई देशों में यह स्थिति आने के बाद भी महामारी का असर काफी गम्भीर देखने को मिला है। अभी भी अतिरिक्त सावधानी की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि यह त्यौहारी मौसम है। दीपावली, छठ, क्रिसमस जैसे बड़े पैमाने पर भीड़भाड़ होगी। हम पिछले कई अवसरों पर देख चुके हैं कि सार्वजनिक आयोजनों के बाद मामले बढ़ गए। यही समय जोश के साथ होश के सही संतुलन का है। उत्साह में कोई कमी लाए बिना त्यौहारों का आनंद सजगता से उठाना होगा। छठ के त्यौहार पर भी सरकारों आैर लोगों को सावधानी बरतनी होगी।