दुनिया के 21 देशों के 20 हजार बच्चों के सर्वे के मुताबिक 15 से 24 साल के बच्चे डिप्रेशन के दौर से गुजर रहे हैं। भारत में सात बच्चों में से एक अवसाद से पीडि़त है। यह एक गंभीर समस्या है। हमारे स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया इसके बारे में बहुत चिंतित हैं। इस गंभीर बीमारी ने बच्चों को कैसे जकड़ लिया, यह सोचने की बात है। महामारी ने विशेष रूप से बच्चों का स्वास्थ्य खराब कर दिया है। महामारी में स्कूल बंद रहे। बच्चे घरों में कैद रहे। उनकी कोई शारीरिक गतिविधि नहीं है और बिस्तर छोड़ने, खाने, व्यायाम करने और बिस्तर पर जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। इन सभी कारकों ने उन्हें नकारात्मक सोचने पर मजबूर कर दिया। इससे बचने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों की नियमित काउंसिलिंग करनी होगी।
-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी