हमारे देश में पत्थर को भी पूजा जाता है। नदियों की पूजा की जाती है। अपने पूर्वजों को याद करने के लिए हमारे देश में श्राद्धों का आयोजन किया जाता है। हमारे देश की महान संस्कृति हमेशा ही संदेश देती है कि हमें अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए। पूर्वजों का सम्मान करने से एक तो नैतिकता का संचार होता है, दूसरा उनके बताए रास्तों पर चलने से कोई भी इनसान जिंदगी में कभी नाकामयाब नहीं होता है और न ही जिंदगी में कभी किसी काम में धोखा खाता है, क्योंकि पूर्वजों ने जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे होते हैं। कुछ लोग श्राद्धों को ढोंग या दिखावा बताते हैं, लेकिन उन लोगों को यह उत्तर देना चाहिए कि अगर आपके पूर्वज नहीं होते तो आपका इस दुनिया में कोई अस्तित्व नहीं होता।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal