बंधुत्व और आत्मीयता की कड़ी
जो उत्साह खेल भावना और राष्ट्रीयता का स्वरूप इस फीफा के माध्यम से पूरी दुनिया को देखने का अवसर प्राप्त हुआ, वह अद्भुत है। लोग रंग, नस्ल के भेदभाव से ऊपर उठकर किस तरह राष्ट्रीय भावनाओं और देश के झंडे को उठाकर चल सकते हैं, यह उसका उभरता हुआ जवाब था। असले में यह उत्सव खेल का ही नहीं, समूचे विश्व में बंधुत्व और आत्मीयता की कड़ी को भी जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक मेला साबित हुआ।
कृष्ण कुमार रत्तू; जो उत्साह खेल भावना और राष्ट्रीयता का स्वरूप इस फीफा के माध्यम से पूरी दुनिया को देखने का अवसर प्राप्त हुआ, वह अद्भुत है। लोग रंग, नस्ल के भेदभाव से ऊपर उठकर किस तरह राष्ट्रीय भावनाओं और देश के झंडे को उठाकर चल सकते हैं, यह उसका उभरता हुआ जवाब था। असले में यह उत्सव खेल का ही नहीं, समूचे विश्व में बंधुत्व और आत्मीयता की कड़ी को भी जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक मेला साबित हुआ।
इसमें विश्व विजेता होने का ख्वाब पालने वाले देशों का जिस तरह से आपसी सद्भावना के साथ मुकाबला हुआ, वह अद्भुत था। यह देखने लायक था कि किस तरह खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता उनका जिस्मानी स्वास्थ्य और योग उनको उनके सपनों की नई यात्रा में उन्हें कहां तक ले जा सकता है। यह बहुत कुछ इस तरह से है जैसे ख्वाबों का सत्य होना, क्योंकि यहां पर कई वैसे विश्व कीर्तिमान भी टूटे, जिनके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी और इसी मैदान में आदमी की ऊर्जा और उसके दमखम की भी परीक्षा हुई।
वक्त की इस धारा के सामने आपका मानसिक व्यक्तित्व कितना ताकतवर हो सकता है, वह यहां हुए मुकाबलों ने बता दिया। यों भी फर्रांटे से दौड़ते हुए फुटबाल के खिलाड़ियों का दमखम देखते ही बनता है और उनकी प्रतिबद्धता ही उनको इसके योग्य बनाने के लिए एक ऐसा हथियार बनकर साबित हुई है कि उनमें से एक टीम को विश्व विजेता बना दिया।
सच यह है कि यह उत्सव केवल फुटबाल का ही नहीं, असल में यह रफ्तार की यादों का एक आनंदित, अंतर्दृष्टि में उतरने वाला अद्भुत संयोग था। यह जो हमारी आंखों के सामने एक छोटे-से देश कतर में रचा गया। इस रफ्तार के जादू में कितने किलोमीटर और किस रफ्तार से सारे खिलाड़ी दौड़े, यह तो कंप्यूटर ही बताएगा, पर सच यह भी है कि आंखों की चमक, हाथों और पैरों की लय के साथ 'जीत हमारी हो गई' का शोर इस मुकाबले के मैदानों में सुना गया।
मैदान जीत के नए योद्धाओं की यादगार की मशाल होते हैं। जुनून और जीत का मंत्र फुटबाल के खेल के मैदानों ने जिस तरह से पूरी दुनिया के युवा युवक-युवतियों के मन में भरा है, वह अद्भुत है। आज पूरी दुनिया में करोड़ों लोग टीवी के जरिए इस महंगे खेल की निरंतर एक महीने तक यात्रा करते रहे। आंखों में समाया हुआ जुनून आने वाले वर्षों में भी पूरे विश्व के युवकों को प्रेरित करता रहेगा। फुटबाल के ऐसे आयोजन उनके साथ उस उत्साह और सीमा रेखा का भी एक नया अध्याय है, जिसमें मानवीय कमियों और त्रुटियों को एक नए अध्याय के रूप में देखा जा सकता है और नई जीत को आत्मसात किया जा सकता है।
यह जीत ही जिंदा रहने की निशानी है जो हमें नई ऊर्जा से भरती है। यह ऊर्जा हमें नए क्षेत्र की ओर ले जाती है, जहां पर आकाश हमारा होता है। धरती हमारे पांव के नीचे होती है और सफलता हमारे आसपास मंडराती रहती है। फीफा कप के जोश-जुनून और रफ्तार की जादूगरी की दुनिया ने यह भी साबित कर दिया है कि दुनिया में कुछ भी जीतना नामुमकिन नहीं है, पर उसके पीछे वर्षों की मेहनत, निष्ठा और कड़ा अनुशासन अनिवार्य है। यह विश्व का सबसे महंगा आयोजन है, जिसमें मानवीय दमखम और उसके अन्य मापदंडों को भी परखा जा सकता है।
मनोवैज्ञानिक तौर पर जीत सबसे पहले मनुष्य के मस्तिष्क में आती है और फिर पांव की हरकत और आंखों में जुनून और जोश का जोहार जब उतरता है तब जीत हमारी हो जाती है। इसी जीत के आगे सफलता की कहानी है, जहां समय किसी नाम पर इतिहास के वर्ग में उसका नाम लिख देता है। यह इतिहास सदियों तक मानव की बची हुई दुनिया के लिए उत्साह और पीढ़ियों तक जिंदा रहने वाला उत्साहवर्धक अभिनंदन संयोग हो सकता है।
इस संगीत की धुनों पर नाचते हुए एक स्वर में ढोल बजाते दर्शक दीर्घा में बैठे करोड़ों लोग जब किसी का अभिनंदन करते हैं तो फिर क्यों नहीं किसी खिलाड़ी के पांव में पंख लग जाएं और वे उड़ते चले जाएं हैं। फिर यहां पर पैसा और शोहरत कोई सवाल नहीं रखता। तब जीत होती है और किसी खिलाड़ी के एक महामानव बनने की और इस दुनिया को विनम्रता के साथ सुंदर होने का एक नया रास्ता मिल जाता है।
यही नया रास्ता जोश, जुनून और जीत का मंत्र है। इस मंत्र के साथ ही जीत है, क्योंकि इसके पीछे ही कड़ा अनुशासन और कड़ी मेहनत जरूरी है। जिस दिन हम जिस कड़ी मेहनत के दौर से बार-बार गुजरेंगे तो फिर यह नई दुनिया, नया भविष्य और इस धरती पर पर मनुष्य की नई कल्पना के जमीन पर उतरने से कोई भी इनकार नहीं कर सकता। यह दुनिया उन लोगों के लिए है, जिन्होंने जोश और जुनून के साथ ही इसको जीने का प्रण लिया और जीत कर दिखाया।