ब्लॉग: भाजपा को चुनौती क्यों नहीं दे पा रहे विपक्षी दल? इन तीन खबरों में छुपी है पूरी कहानी

Update: 2022-09-26 17:51 GMT
By लोकमत समाचार सम्पादकीय
रविवार को तीन बड़ी खबरें दिखीं. ये तीनों अलग-अलग दिखाई पड़ रही हैं लेकिन तीनों आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. पहली खबर यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष कौन बनेगा? दूसरी खबर यह कि देश के लगभग सभी प्रमुख विरोधी दल मिलकर भाजपा-विरोधी मोर्चा खड़ा कर रहे हैं. तीसरी खबर यह कि यदि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनना पड़ गया तो राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
यदि अशोक गहलोत का बस चलेगा तो सचिन पायलट को वे अपना स्थान क्यों लेने देंगे? गहलोत चाहते थे कि वे मुख्यमंत्री और पार्टी-अध्यक्ष, दोनों बने रहें लेकिन राहुल ने एक व्यक्ति, एक पद का बयान खुलेआम देकर गहलोत की मंशा पर पानी फेर दिया. गहलोत जमीनी नेता हैं. विनम्र और मिलनसार हैं. वे नए और पुराने सभी कांग्रेसियों को जोड़ने में सफल हो सकते हैं लेकिन असली सवाल यह है कि कांग्रेस में उनकी हैसियत क्या होगी? कहीं वे रबर का ठप्पा बनकर तो नहीं रह जाएंगे!
जहां तक चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर देश के विपक्षी दलों के एक होने का प्रश्न है, उसके मार्ग में कई रोड़े हैं. पहला तो यह कि विपक्ष का एकछत्र नेता कौन बनेगा? क्या कांग्रेस किसी अन्य को अपना नेता मान लेगी? दूसरा, विपक्ष के पास मुद्दा क्या है? सिर्फ मोदी हटाओ. मोदी ने क्या आपातकाल जैसी कोई भयंकर भूल कर दी है या पिछली कांग्रेस सरकार की तरह भाजपा भ्रष्टाचार में डूब गई है?
तीसरा, हमारे विपक्ष के पास नेता तो है ही नहीं, उसके पास कोई वैकल्पिक नीति भी नहीं है. कोई नक्शा या सपना भी नहीं है. अगले चुनाव के पहले यदि मोदी से कोई भयंकर भूल हो जाए तो और बात है, वरना 2024 में भी मोदी के लिए कोई गंभीर चुनौती आज तो दिखाई नहीं पड़ रही.

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