कोई भी बड़ी खरीद से पहले समाज-दुनिया से संबंधित अनेक सवालों के जवाब खोजने चाहिए

घर के खर्च जिस तरह बढ़ रहे हैं, उससे बचने का कोई उपाय नहीं दिखता

Update: 2022-04-05 08:45 GMT
एन. रघुरामन का कॉलम: 
घर के खर्च जिस तरह बढ़ रहे हैं, उससे बचने का कोई उपाय नहीं दिखता। बीते 15 दिनों में 10 बार ईंधन की कीमतें बढ़ी, यह बताता है कि आगे की राह कितनी कठिन होगी। यही कारण है कि घर की जरूरतों में आज कार खरीदने के लिए सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है। एक तरफ बहुत सारे कार मालिक अपनी कार बदलकर कम ईंधन खपत वाली गाड़ी लेना चाहते हैं।
दूसरी तरफ युवा पेशेवरों को काम पर जाने के लिए निजी वाहन चाहिए, क्योंकि घर से काम की सुविधा से वे कम्फर्ट के आदी हो गए हैं। तो आपको कैसी गाड़ी लेना चाहिए? ऐसी कोई भी महंगी खरीद से पहले आपको खुद से ये 5 प्रश्न पूछने चाहिए।
1. क्या रूस-यूक्रेन युद्ध से कार की कीमतों-उपलब्धता पर असर पड़ा है: युद्ध के बाद से ही कार निर्माता इस्पात की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। युद्ध में शामिल दोनों ही देश पिग-आइरन के बड़े आपूर्तिकर्ता हैं, जिसे रिफाइंड करके इस्पात बनता है। इसकी कीमतों में तेल की ही तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इंटरनल कंबशन इंजिनों में कैटेलेटिक कन्वर्टरों के लिए जरूरी पैलेडियम की लगभग आधी वैश्विक आपूर्ति (46%) रूस से होती है।
रूस एल्युमीनियम का भी सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसके दामों में इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट के अनुसार 40% इजाफा हो सकता है। पोर्शे-बीएमडब्ल्यू जैसे बड़े ब्रांडों ने उत्पादन स्थगित कर दिया है, क्योंकि उन्हें अपनी हर कार के लिए 5 किमी लम्बा इलेक्ट्रिक केबलों का बंडल नहीं मिल रहा है, जो कि मॉडर्न कारों के के लिए बुनियादी महत्व का है। ये केबल्स मुख्यतया यूक्रेन में बनाए जाते हैं।
2. क्या कोई और ऐसी चीज है, जिसका कार-उत्पादन पर असर पड़ सकता है: हां, सेमीकंडक्टर की शॉर्टेज, ये महामारी का एक ऐसा असर है, जिसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सका था। इससे नई कारों का उत्पादन धीमा हुआ। शायद यही कारण है कि यूज्ड कारों की कीमतें भी बढ़ रही हैं। कार निर्माताओं को 2023 या 2024 से पहले सेमीकंडक्टर की आपूर्ति की चुनौती खत्म होती नहीं दिखलाई देती है।
3. ईंधन की कीमतें कब तक ऊंची रहेंगी : विशेषज्ञों की मानें तो हालात अच्छे नहीं हैं और कीमतें निरंतर बढ़ेंगी, फिर सरकार ड्यूटी में कटौती के जितने प्रयास कर ले। हालांकि आज अनेक ऐसे नए कार मॉडल हैं, जो बेहतर माइलेज का वादा करते हैं। खरीदी से पहले एक एक्सेल शीट बनाकर कीमतों और फायदों की तुलना कर लें।
4. तो क्या डीजल कारें खरीदनी चाहिए : ऐसे तो डीजल कार खरीदने के कोई पुख्ता कारण नहीं दिखलाई देते। चूंकि यह पूर्वानुमान लगाया जा चुका है कि डीजल की कीमतें पेट्रोल से भी ज्यादा हो जाएंगी, इसलिए डीजल कारों की बिक्री कम से कम विकसित देशों में तो कम हो गई है। इसका यह मतलब है कि अगर आप आज डीजल कार खरीदते हैं तो वह जल्द ही ट्रेंड से बाहर हो जाएगी।
5. ठीक है, तो इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चलाना कितना ठीक होगा: हां, ईवी समाधान हो सकता है, लेकिन वे हर जरूरत के लिए उपयुक्त नहीं। वैसे ईवी एक बार की चार्जिंग में 300 किमी से भी अधिक चल सकते हैं, लेकिन ईवी ड्राइवरों के लिए चुनौतियां हैं। चार्जिंग स्टेशन सीमित हैं।
यूके जैसे विकसित देशों में भी- जहां वर्षों से ईवी हैं- ईवी ड्राइवरों को चार्जिंग पॉइंट्स के लिए प्रतिस्पर्धा करना पड़ रही है। ईवी चलाने का सबसे किफायती तरीका है, उसे घर पर ही रात में चार्ज कर लेना। ऐसे में हाईराइज के फ्लैट्स की तुलना में निजी घरों के स्वामियों को ज्यादा लाभ होगा, बशर्ते कॉलोनी में चार्जिंग सुविधा हो।
फंडा यह है कि बात सिर्फ पैसों की नहीं, कोई भी बड़ी खरीद से पहले समाज-दुनिया से संबंधित अनेक सवालों के जवाब खोजने चाहिए।
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