चौतरफा बदहाली के बीच
केंद्र सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम को शायद यही काम सौंपा गया है
केंद्र सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम को शायद यही काम सौंपा गया है कि वे सरकार को सलाह देने के बजाय जो हालत है, उसकी सकारात्मक तस्वीर जनता के बीच पेश करने की भूमिका निभाएं। तो उन्होंने कहा दिया है कि जुलाई से अर्थव्यवस्था बिल्कुल अपनी पटरी पर लौट आएगी। पिछले साल उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था की वी शेप रिकवरी होगी। यानी जितनी तेजी से आर्थिक विकास दर गिरी है, उतनी ही तेजी से चढ़ेगी। अब चूंकि वे अपनी कही बातों की कोई जवाबदेही नहीं मानते, इसलिए फिर से एक वैसा ही जुमला उन्होंने उछाल दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी सिकुड़ गई है। इसका विश्लेषण करते हुए भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने ध्यान दिलाया कि 2020-21 के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े के साथ भारत 194 देशों की रैंकिंग में 142वें नंबर पर आ गया है। जबकि भारत कभी दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में एक था। ये तो एक पहलू है