देशभर में 150 जगहों पर असर, 50 ट्रेनें प्रभावित, यात्री हलकान
लखीमपुर खीरी प्रकरण के विरोध में किसानों के रेल रोको आंदोलन का बरेली में असर देखने को नहीं मिला।
संयुक्त किसान मोर्चा का देशव्यापी रेल रोको आंदोलन जारी है। देशभर में रेल रोको आंदोलन का 150 जगहों पर असर देखा जा रहा है। जबकि 50 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। किसानों के आंदोलन से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, यूपी के ADG (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि कहीं भी रेल यातायात बाधित नहीं है। यूपी के हापुड़ में किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई है।
रेल रोकने से पहले ही गिरफ्तार किए गए किसान नेता
लखीमपुर खीरी प्रकरण के विरोध में किसानों के रेल रोको आंदोलन का बरेली में असर देखने को नहीं मिला। पुलिस की सक्रियता से किसान रेल ट्रैक तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाए। किसानों के आंदोलन के लेकर सभी रेलवे स्टेशन पर भी अलर्ट रहा। जीआरपी ने जंक्शन समेत सभी स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगा कर निगरानी बढ़ा दी। रेल रोकने के लिए जंक्शन जा रहे किसान एकता संघ से जुड़े किसानों को बीच रास्ते से गिरफ्तार कर सुभाषनगर थाने लाया गया। गन्ना विभाग के कार्यालय पर जुटे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचाया।
किसान संगठनों के आंदोलन को लेकर फोर्स तैनात
वाराणसी में किसान संगठनों के आंदोलन को देखते हुए फोर्स तैनात की गई। किसानों के विरोध को देखते हुए डाफी टोलप्लाज़ा, बीएचयू सिंहद्वार, रविदास गेट लंका, नरिया तिराहा सुंदरपुर और जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय के समीप फोर्स तैनात की गई। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लंका थाने के कार्यवाहक थानेदार इंस्पेक्टर क्राइम महातम यादव फोर्स के साथ इलाके में घूमकर सुरक्षा व्यवस्था का जाजया लेते रहे।
कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों के नेताओं ने किया प्रदर्शन
किसान संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर मऊ जंक्शन के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को किसान संगठनों के नेताओं तथा वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।किसानों के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि काफी समय से देश का किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने की मांग कर रहा है। लेकिन, सरकार है कि किसानों से वार्ता को ही तैयार नहीं है और न ही किसान विरोधी कानूनों को वापस ले रही है। सरकार द्वारा औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लिए ही कृषि कानून बनाया है। लखीपुर खीरी में हुई घटना की जितनी निंदा की जाए कम ही है। किसान किसी से डरने वाले नहीं हैं। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्र इस्तीफा नहीं देते। किसान हार मानने वाले नहीं हैं और जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती किसानों का आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
किसानों ने नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे को किया जाम
किसान संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर किसानों ने नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे को किसानों ने जाम लगा दिया, नोएडा जाने वाली सड़क पर लंबा जाम लग गया। किसानों का काफिला नोएडा की तरफ़ रवाना हो गया है।
हम पड़ोसी राज्यों की जीआरपी और आरपीएफ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं: डीसीपी हरेंद्र सिंह
किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर रेलवे के दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक हमें कहीं भी किसी भी ट्रैक पर बाधा होने और ट्रेन कैंसिल होने की जानकारी नहीं है। हम पड़ोसी राज्यों की जीआरपी और आरपीएफ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, अगर वहां कोई दिक़्क़त आए तो हम दिल्ली में उसके लिए तैयार रहे।
40 मिनट देरी से पीलीभीत जंक्शन पहुंची त्रिवेणी एक्सप्रेस
पीलीभीत में किसान आंदोलन के चलते त्रिवेणी एक्सप्रेस 40 मिनट देरी से पीलीभीत जंक्शन पहुंची। वहीं बरेली से आई पैसेंजर अभी तक रवाना नहीं हो सकी। हालांकि पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी के चलते त्रिवेणी एक्सप्रेस रोकने का प्लान धरा रह गया।
दिल्ली: बिजवासन में रेल रोकने का प्रयास
दिल्ली के बिजवासन में 10 से 12 किसान रेल रोकने का प्रयास कर रहे थे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों को हिरासत में ले लिया, किसानों को द्वारका सेक्टर 23 के थाने में लाया गया है।
कहीं भी रेल यातायात बाधित नहीं: प्रशांत कुमार
उत्तर प्रदेश के ADG (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहीं भी रेल यातायात बाधित नहीं है, कुछ जगहों पर जब ट्रेन नहीं जा रही थी तो किसानों ने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। एतियातन लगभग 160 कंपनी पीएससी और 9 कंपनी पैरामिलेट्री लगाई गई हैं। महत्वपूर्ण और संवेदनशील ज़िलों में बाहर से भी अधिकारी भेजे गए हैं जो लगातार किसान संगठनों और अन्य नेताओं से बात कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के कारण कई जगह रेल यातायात प्रभावित
किसान आंदोलन के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे पर भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर तथा श्रीगंगानगर- रेवाड़ी रेलखंडों के बीच रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
किसान आंदोलन के कारण लगभग 50 ट्रेनें प्रभावित
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में किसानों के आंदोलन के कारण लगभग 50 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, जबकि 130 स्थानों पर असर है। आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा में लगभग 130 स्थानों पर रेल सेवा प्रभावित हुई। फिरोजपुर से अंबाला खंड में लगभग 50 ट्रेनें प्रभावित हुईं। यूपी में मुरादाबाद से लखनऊ खंड पर रेल यातायात सामान्य है।
किसानों ने रामपुर के बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर रोकी गरीब रथ एक्सप्रेस
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर में कृषि कानूनों और लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में गुस्साए किसानों ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर जम्मूतवी-काठगोदाम (गरीब रथ एक्सप्रेस) को निर्धारित समय से करीब आठ मिनट अधिक समय तक रोके रखा। ट्रेन का दो मिनट का स्टॉपेज है लेकिन, किसानों के प्रदर्शन के दौरान करीब दस मिनट तक ट्रेन रूकी रही। इसके बाद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा-बुझाकर किसानों को ट्रेन से उतार दिया और ट्रेन को रवाना किया। वहीं दूसरी ओर रामपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड पर भी किसान एकत्र हुए हैं। हालांकि यहां अभी तक कोई ट्रेन नहीं रोकी गई है। मौके पर भारी पुलिस बल, आरपीएफ, जीआरपी के साथ पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं।
खुर्जा जंक्शन पर किसानों ने रोकी गोमती एक्सप्रेस
बुलंदशहर के खुर्जा जंक्शन पर किसानों ने गोमती एक्सप्रेस रोक ली। गोमती एक्सप्रेस पांच मिनट के बाद जंक्शन से रवाना हो गई। एसडीएम और एसएसपी के समझाने के बाद किसान ट्रैक से हटे। रेल रोको आंदोलन में किसान पांच मिनट ही ट्रैक पर बैठ सके। तय समय से केवल तीन मिनट ही ट्रेन रोकी गई। रेलवे अधिकारी को कहना है कि गोमती एक्सप्रेस खुर्जा जंक्शन पर 2 मिनट का स्टॉपेज लेती है। किसान आंदोलन से केवल 3 मिनट का समय प्रभावित रहा। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की मदद के द्वारा किसानों को ट्रैक से हटवाया गया और ट्रेन को रवाना किया गया।
मथुरा में किसानों ने रोकी पैसेंजर
मथुरा के राया में किसान यूनियन ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक कर जमकर नारेबाजी की। सोमवार को मथुरा से कासगंज जाने वाली पैसेंजर ट्रेन जैसी ही रेलवे स्टेशन पर रुकी। इसी दौरान किसान यूनियन टिकैत गुट और अबावता के कार्यकर्ता इंजन पर चढ़ गए। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पहले से ही पुलिस बल रेलवे स्टेशन पर तैनात रहा।
बरेली से पीलीभीत आ रही पैसेंजर ट्रेन को रोकने का प्रयास
बरेली से पीलीभीत आ रही पैसेंजर ट्रेन को किसान नेताओं ने रोकने का प्रयास किया। लेकिन किसान इस पर सफल नहीं हो पाए। अब किसान एक्सप्रेस ट्रेन रोकने के लिए प्लेटफार्म पर एकत्र हुए हैं। भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
हापुड़ में किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की
लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री की बर्खास्तगी की मांग को लेकर हापुड़ जिले के गढ़ रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे जिले भर के किसानों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने मुख्य गेट पर बैरिकेडिंग लगा दी। किसानों और पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने का प्रयास किया। डीएम अनुज सिंह व अन्य अधिकारियों ने किसानों को समझाया। इस दौरान किसानों की ओर से जमकर नारेबाजी की गई। पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर काफी संख्या में किसान रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। किसान ट्रेक पर जमा थे और पुलिस उन्हें हटाने का प्रयास कर रही है।