जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मानसून सत्र के पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही के स्थगित होते ही साफ संकेत मिल गया कि आने वाले दिनों में संसद में हंगामा तय है। सोमवार से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ध्यान रहे, सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे और यह 12 अगस्त तक चलेगा। करीब 32 विधेयक रखे जाएंगे, उनमें से कितने पारित हो सकेंगे, यह बताना मुश्किल है। अगर केवल हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित हुई, तो फिर कामकाज कैसे होगा? संसद सत्र से पहले ही यह तय हो गया था कि महंगाई, ईंधन की कीमतें, अग्निपथ योजना, बेरोजगारी और डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने जैसे मुद्दों को उठाया जाएगा। अब इनमें जीएसटी का मामला भी प्रमुखता से जुड़ गया है। विपक्ष के पास पर्याप्त मुद्दे हैं, जिन पर वह सरकार को घेर सकता है। हालांकि, सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी हो रहा था, पर मतदान के साथ-साथ कार्यवाही भी चल सकती थी। महंगाई बढ़ी है, तो संसद को चलाना भी महंगा हुआ है। सांसदों को सत्र की शुरुआत में ही देखना चाहिए कि संसद को चलाने में प्रतिदिन कितना खर्च आता है?
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