जनता से रिश्ता वेबडेस्क : हर वर्ष देश में नलकूपों के खड्ड में बच्चों के गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। लोग खेतों में बोरिंग कराने के लिए खोदे गए गड्ढों को ढकने की ओर ध्यान नहीं देते, जिसके कारण बच्चे ही नही, पालतू पशु और वन्यजीव भी उनमें गिरते रहते हैं। उनकी दुखद मृत्यु हो जाती है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चंपा जिले के ग्राम पिहरीद में 10 जून को एक दस वर्ष का बच्चा खेलते-खेलते बोरवेल के गड्ढे में गिर गया, जिसे 105 घंटे तक अभियान चला कर 15 जून को रात बारह बजे एनडीआरएफ, गुजरात की रोबोटिक टीम और सेना के जवानों ने सुरक्षित बच्चे को निकाल लिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अभियान के सफल संचालन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी लगाई थी।
हर राज्य सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली बोरवेल में गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने और घटना होने पर दंड का भी प्रावधान होना चाहिये। बोरबेल के लिए खोदे गए गहरे गड्ढों को ढकने और उन्हें काम के उपरांत बंद करने के सख्त निर्देश सरकार जारी करे तथा सरकारी कर्मियों को भी स्थल भ्रमण कर ग्रामीण क्षेत्रो में बोरवेल, शहरी क्षेत्रों में मैनहोल और सड़कों के आसपास सीवर के ढक्कनों को भी खुला न छोड़ने और उनकी रोज देखभाल करने की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कुलदीप मोहन त्रिवेदी, उन्नाव
सोर्स-jansatta