महिला ने करवाया अपना DNA टेस्ट, मिलीं 18 सौतेली बहनें, पढ़ें पूरा मामला

मिलीं 18 सौतेली बहनें

Update: 2022-07-17 15:27 GMT
विदेशों में इन दिनों डीएनए टेस्ट करवाकर अपने पूर्वजों के बारे में जानने का काफी चलन चल चुका है. लोग यूं ही अपना टेस्ट करवाते हैं और अपनी पिछली पीढ़ी के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश करते हैं. पर डीएनए टेस्ट (DNA test) में कई बार ऐसी बातें पता चल जाती हैं जिसके बारे में जानकर उनके होश उड़ जाते हैं. हाल ही में ऐसा ही एक अमेरिकी महिला (American woman DNA test) के साथ भी हुआ जिसने सिर्फ उत्सुक्ता और मजे में डीएनए टेस्ट करवा लिया.
द सन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 41 साल की माइया एमॉन्स (Maia Emmons-Boring), अपने पति ब्रेंट और 16 साल की बेटी लारिसा के साथ टेक्सास (Texas, America) में रहती हैं. अक्टूबर 2018 में उन्होंने एक विज्ञापन देखा जिसमें दावा किया गया था कि घर बैठे लोग अपना डीएनए टेस्ट (woman found dad not her biological father) कर सकते हैं जिसकी रिपोर्ट कुछ दिनों में मिलती है. उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानने का बहुत शौक था तो उन्होंने भी टेस्ट करवाने का सोचा.
महिला को मिलीं 18 सौतेली बहनें

मगर जब टेस्ट की रिपोर्ट आई तो माइया के होश उड़ गए. उन्हें पता चला कि उनके पिता असल में उनके बायलॉजिकल पिता नहीं हैं. माइया की 69 वर्षीय मां शेरिल, 67 साल के पिता जॉन, 36 साल और 29 साल की बहन टैहनी-ग्रेस को जब इस बारे में पता चला तो वो भी हैरान रह गए. तब माता-पिता ने बेटी के सामने इस राज का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पिता को 18 साल की उम्र में टेस्टिक्यूलर कैंसर हो गया था जिसके कारण वो पिता नहीं बन सकते थे. तब उन्होंने एक अस्पताल की मदद से अंजान स्पर्म डोनर से डोनेट कर के माता-पिता बनने का फैसला किया. माता पिता ने बताया कि पहले को दो बच्चे स्पर्म डोनेशन से हुए थे जबकि छोटी बेटी करिश्मे की तरह थी क्योंकि वो उनकी अपनी संतान थी.

महिला ने डॉक्टर पर कर दिया केस
इसके बाद माइया को डीएनए टेस्टिंग कंपनी से एक और मेल आया जिसमें दावा किया गया कि वो माइया की हाफ सिस्टर यानी सौतेली बहन है. तब महिला ने डीएनए रिपोर्ट के माध्यम से ऑनलाइन फैमिली ट्री बनाने वाली साइट्स से संपर्क किया और उसे कुल 18 महिलाएं मिलीं जो उसकी सौतेली बहन निकलीं. तब उसका शक यकीन में बदल गया कि अंजान डोनर्स की जगह इलाज करने वाले डॉक्टर ने अपना ही स्पर्म देकर महिलाओं की फैमिली को आगे बढ़ाया है. इसके बाद महिला ने कोर्ट में अस्पताल और अब 80 साल के हो चुके डॉक्टर डॉक्टर जोन्स पर केस किया और पिछले साल अप्रैल में कोर्ट ने उन्हें बिना मरीज को डोनेशन की जानकारी दिए अपना स्पर्म डोनेट करने का दोषी पाया. कोर्ट ने अस्पताल को सजा के तौर पर परिवारों को मुआवाज देने का आदेश दिया जिसकी कुल रकम 70 करोड़ रुपये थी. अब जब माइया को न्याय मिल चुका है तो वो अपनी बाकी बहनों से संपर्क में हैं जिससे आगे चलकर उनके बच्चे गलती से एक दूसरे के साथ ही रिलेशनशिप में ना आ जाएं. माइया और उनकी फैमिली के बीच भी रिश्ते अब ठीक हैं.
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