सनातन धर्म में सांप के नाम से सभी डरते हैं। भगवान शिव को इस कारण पूजनीय माना जाता है कि वे अपने गले में सर्प धारण करते हैं। शास्त्रों में कई ऐसी मान्यताएं बताई गई हैं, जिन्हें कुछ लोग मानते हैं और कुछ लोग नहीं मानते हैं। ऐसी ही एक मान्यता है कि भले ही सभी लोग सांपों से डरते हैं, लेकिन सांप गर्भवती महिलाओं से डरते हैं। गर्भवती महिलाओं के आसपास भी सांप नजर नहीं आते। इसके पीछे वैज्ञानिक और पौराणिक दोनों कहानियां हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जब कोई महिला गर्भवती होती है तो सांप उसके पास भी नहीं फटकते। इतना ही नहीं, वे उसे काटते भी नहीं। शायद इसके पीछे यह कारण हो सकता है कि इस बात के पीछे एक मिथक है कि गांवों में इस दौरान गर्भवती महिला को घर की चारदीवारी के भीतर ही रहना पड़ता है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि गर्भवती स्त्री को सांप नहीं काटते। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक गर्भवती महिला भगवान शिव की पूजा में पूरी तरह लीन थी। इसी बीच सांप ने महिला को परेशान करना शुरू कर दिया, जिसके बाद गर्भवती बच्ची ने सांप को श्राप दिया कि अगर वह गर्भवती महिला को काटेगा, तो वह अंधा हो जाएगा. तब से यह माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सांप नहीं काटते।
वैज्ञानिक तथ्य
इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भवती महिला के शरीर में एक हार्मोन उत्पन्न होता है जिसके कारण सांप दूर से ही गर्भवती महिला के अंदर होने वाले इन बदलावों का आकलन कर लेता है। इसी वजह से अगर गर्भवती महिला को रास्ते में या उसके आसपास सांप दिख जाए तो वह अपना रास्ता बदल लेता है। इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन गर्भवती महिलाओं समेत सभी को सांप जैसे जहरीले जानवरों से सावधान रहना चाहिए।