दुनिया के वो 5 सबसे खतरनाक स्पेस हथियार, जो पल भर में अपने टारगेट को कर सकते हैं तबाह

धरती पर अपनी ताकत के झंडे फहरा चुके देश इन दिनों अंतरिक्ष में सबसे ताकतवर बनने में लग गए हैं

Update: 2021-03-27 09:39 GMT

धरती पर अपनी ताकत के झंडे फहरा चुके देश इन दिनों अंतरिक्ष में सबसे ताकतवर बनने में लग गए हैं। विकसित देशों के बीच फिलहाल स्पेस लड़ाई एक मुद्दा बन गया है। ऐसे में कई देश केवल स्पेस फोर्स ही नहीं बना रहे, बल्कि कई सारे स्पेस वेपन यानी हथियार बना डाले हैं। ये हथियार इतने खतरनाक हैं कि पल भर में अपने टारगेट को तबाह कर सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से 5 खतरनाक स्पेस हथियार के बारे में बताएंगे।

मिसाइल
स्पेस हथियार के लिस्ट में सबसे पहला नाम आत है मिसाइल का। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक, मिसाइल का इतिहास 1 हजार साल पुराना है। हालांकि, रॉकेट का इस्तेमाल सबसे पहले कब हुआ, इसको लेकर कोई तथ्यात्मक ऑथेंटिक डेटा नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि रॉकेट की शुरुआत चीन से हुई। इसके बाद यूरोप ने अपनाया। भारत में रॉकेट का पहला इस्तेमाल 18वीं शताब्दी में हुआ। द्वीतीय विश्व युद्ध के दौरान ये तकनीक काफी विकसित हुई और युद्ध में हजारों मिसाइल दागी गईं। मिसाइल स्पेस के खतरनाक हथियारों में से एक है।
द मैगनेटो हाइड्रोडायनेमिक एक्सप्लोसिव म्यूनिशन (MAHEM)
द मैगनेटो हाइड्रोडायनेमिक एक्सप्लोसिव म्यूनिशन की घोषणा साल 2008 में हुई थी। यह एक ऐसी डिवाइस है, जो पिघली हुई धातुओं का विस्फोट करती है और बचने का मौका नहीं देती है। इस हथियार की कल्पना लेखक अर्थर सी क्लार्क की फिक्शनल किताब अर्थलाइट में साल 1955 में किया गया था।
प्रोजेक्ट थेल
प्रोजेक्ट थेल यानी द टेक्टिकल हाई एनर्जी लेसर कार्यक्रम को साल 1996 से 2005 के बीच चलाया गया था। नॉर्थरोप ग्रुम्मन के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को अमेरिका और इजरायल ने मिलकर शुरू किया था। एक दशक तक चले इस प्रोजक्ट ने 46 मोर्टार राउंड, रॉकेट और आर्टिलरी को नष्ट कर दिया था। फिलहाल ये प्रोजेक्ट एक्टिव नहीं है। हालांकि नॉर्थरोप ग्रुम्मन के मुताबिक, अमेरिकी सेना के लिए टेक्नोलॉजी को दोबारा तैयार किया जा रहा है।
हथियारबंद सैटेलाइट
धरती के चारों ओर अंतरिक्ष में कितने ही सैटेलाइट घूम रहे हैं, लेकिन ये केवल मौसम या दूसरी जानकारियां इकट्ठा करने के लिए नहीं हैं। कई देश चोरी-छिपे हथियारबंद सैटेलाइट भी विकसित कर रहे हैं। आउटर स्पेस ट्रीटी के मुताबिक ऐसे सैटेलाइट तैयार करना नियमों का उल्लंघन होगा और ये पूरी तरह से बैन है।
अल्माज
अल्माज रूस का एक स्पेस स्टेशन है। अमेरिका से शीत युद्ध के दौरान साल 1960 में इसे बनाया गया था। इसे बनाने को लेकर रूस का मकसद समुद्र में टारगेट को खोजना और उन्हें निशाना बनाना था।
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