कोवैक्सिन की आपूर्ति पर WHO ने लगाई रोक, जानें क्या है वजह

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की आपूर्ति के निलंबन की पुष्टि की है.

Update: 2022-04-03 02:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (WHO) ने संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से भारत बायोटेक की कोवैक्सिन (Covaxin) की आपूर्ति के निलंबन की पुष्टि की है. साथ ही वैक्सीन प्राप्त करने वाले देशों को उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की. डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा ने कहा कि ये निलंबन 14 मार्च से 22 मार्च, 2022 तक किए गए ईयूएल (EUL) निरीक्षण के बाद आया है. अब इस फैसले से वैक्सीन कोवैक्सिन की आपूर्ति में रुकावट आएगी.

कोवैक्सिन उत्पादन के निलंबन के कारण निर्यात के लिए आपूर्ति में रुकावट आएगी. हालांकि, कंपनी ने जीएमपी की कमियों को दूर करके और इसमें बदलाव करने के बाद कोवैक्सिन की आपूर्ति को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है.भारत के डीसीजीआई और डब्ल्यूएचओ के औषधि महानियंत्रक को प्रस्तुत करने के लिए एक बेहतर कार्य योजना विकसित की जा रही है. बयान में कहा गया है, 'अंतरिम और एहतियाती उपाय के रूप में, भारत ने निर्यात के लिए कोवैक्सिन के अपने उत्पादन को निलंबित करने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है.' हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने स्पष्ट किया कि उत्पाद की सुरक्षा और प्रभावकारिता के साथ कोई समस्या नहीं थी.
WHO का बयान
डब्ल्यूएचओ के पास उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि टीका प्रभावी है और सुरक्षा को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. कोविड 19 टीकों के वैकल्पिक स्रोतों के साथ टीकाकरण जारी रखने के लिए देशों को संबंधित एसएजीई की सिफारिश का उल्लेख करना चाहिए.हालांकि कंपनी ने निलंबन पर सवालों का जवाब नहीं दिया, उत्पादन धीमा करने के लिए कोवैक्सिन की घोषणा करने के लिए शुक्रवार को जारी एक बयान में, उसने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ स्टेंटर्ड को मैच करने के लिए उत्पादन की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है.हाल ही में डब्ल्यूएचओ के ईयूएल निरीक्षण के दौरान, भारत बायोटेक ने डब्ल्यूएचओ टीम के साथ नियोजित सुधार गतिविधियों के दायरे पर सहमति व्यक्त की और संकेत दिया कि उन्हें जल्द से जल्द व्यावहारिक रूप से भी पेश किया जाएगा. बता दें COVID-19 के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल को पूरा करने के लिए, पिछले वर्ष के दौरान निरंतर उत्पादन के साथ, COVAXIN के निर्माण के लिए सभी मौजूदा सुविधाओं का पुनर्निमाण किया गया था.
बता दें कोरोना महामारी ने दस्तक दी है तबसे इसे पहचानना, टेस्टिंग किट बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन NIV पुणे के वैज्ञानिकों ने मोर्चा संभाला और सबसे पहले देश में कोरोना वायरस की ना सिर्फ पहचान की बल्कि उसकी टेस्टिंग किट से लेकर टेस्टिंग लैब देशभर में तैयार करवाईं. साथ ही उनको प्रशिक्षिण दिया ताकि देश में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामलों की टेस्टिंग हो सके.
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