Delhi दिल्ली : उत्तरी भारत में जिसमें उत्तर प्रदेश , दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा शामिल हैं, यहांटमाटर की कीमतों Tomato prices hereमें लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। इनकी कीमतों में फिलहाल कोई नरमी की उम्मीद नहीं है। दअसल, किसानों का कहना है कि मुराबादाब रीजन में भारी बारिश की वजह से टमाटर की फसस खराब हो गई है।
मुराबादाब रीजन में टमाटर का प्रोडक्शन भारी मात्रा में होता है। यहां से टमाटर उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में सप्लाई होता है। अब भारी बारिश की वजह से टमाटर के फसल खराब हो गए जिसकी वजह से सही मात्रा में टमाटर की सप्लाई नहीं हो रही है।किसानों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि खेत में बारिश का पानी जमा हो गया है। ऐसे में खेत टमाटर के फसल खेत में ही सड़ गए हैं और पूरी फसल खराब हो गई है। ऐसे में किसान दूसरे फसलों की उपज के लिए टमाटर के पौधे को उखाड़ रहे हैं।
टमाटर किसान पप्पू हसन ने एएनआई से कहा
सरकार से राहत की उम्मीद Hope for relief from the government
वर्तमान में मानसून की वजह से फसल खराब हो रहे हैं। इससे पहले भारी गर्मी की वजह से टमाटर की फसल खराब हो गई थी। हीटवेव की वजह से टमाटर की फसलें झुलस गई थी, अब बारिश की वजह से फसल सड़ रही है।टमाटर किसानों का कहना है कि उन्हें पहले भी टमाटर की अच्छी कीमत नहीं मिली थी। अब भारी बारिश के बाद उन्हें लाभ की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में किसान सरकारी सहायता की गुहार लगा रहे हैं।
टमाटर के प्रोडक्शन में आई कमी का असर किसानों के साथ सब्जी विक्रेता पर पड़ा है। राजस्थान के अजमेर शहर के सब्जी विक्रेता ने कहा कि मानसून सीजन में सब्जियों की कीमतों में तेजी आ गई। सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने की वजह से सब्जी विक्रेता को भी परेशानी हो रही है।
इतनी महंगी हुई सब्जी
जुलाई में हुई बारिश के बाद हरी सब्जियों के साथ आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों में शानदार उछाल आया।
जून में जहां टमाटर 40 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा था वह जुलाई में 75 रुपये से 80 रुपये प्रति किलो हो गया है।
इसी तरह आलू भी 25 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम था जो अब 40 रुपये से 45 रुपये हो गया है।
प्याज भी कुछ समय पहले तक 25 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, जो अब 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो हो गया है।