आंधी-तूफान में बनते हैं मुसीबत दिल्ली में कमजोर पेड़ों की होगी पहचान

आंधी-तूफान में बनते हैं मुसीबत दिल्ली में कमजोर पेड़ों की होगी पहचान

Update: 2022-05-31 16:31 GMT

राजधानी दिल्ली में कमजोर पेड़ों की पहचान होगी। ताकि, आंधी-तूफान के समय उनके गिरने से पैदा होने वाली मुसीबत से बचा जा सके। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार दिन में सभी स्थानीय निकायों से ऐसे पेड़ों की पहचान करने के निर्देश दिए।

दिल्ली में सोमवार को आए तूफान के चलते सैकड़ो पेड़ टूट गए या फिर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंगलवार दिन में तमाम विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा इन्हें हटाने का काम चलता रहा। वहीं, उप राज्यपाल ने भी बड़े पैमाने पर उखड़े पेड़ों का संज्ञान लिया है। उन्होंने बड़े पैमाने पर गिरे पेड़ों पर दुख जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी उपाय किए जाने चाहिए ताकि इस तरह की घटना आगे नहीं हो। विशेषज्ञों द्वारा पेड़ों के तने के पास कंक्रीट से पक्का करने और आवश्यक जगह नहीं छोड़े जाने और हरित क्षेत्र को अवैज्ञानिक तरीके से विकसित करने की बात कही जा रही है। उप राज्यपाल ने कहा कि पेड़ों की छंटाई के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 45 फीट की ऊंचाई वाले पेड़ की छंटाई सतह से दस फीट की ऊंचाई से की जानी चाहिए। इससे पेड़ों की बढ़त भी ठीक रहती है और पेड़ स्वस्थ भी रहते हैं।
उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी पेड़ों के तने के पास एक वर्ग मीटर का दायरा हो। यहां पर कंक्रीट से पक्का नहीं किया जाना चाहिए। उप राज्यपाल ने कहा कि ऐसे पेड़ों की पहचान की जानी चाहए जो कमजोर हैं या किसी तरह की बीमारी के शिकार हैं या उनकी बढ़त असमान है। पेड़ों की ऐसी डालें जो कि सड़कों के ऊपर हैं और कमजोर हैं, वहां से गुजरने वालों के ऊपर जिनके गिरने का खतरा है, ऐसी डालों की पहले ही छंटाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस संबंध में एनडीएमसी, दिल्ली नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड पर्यावरण विभाग, वन विभाग और यातायात पुलिस को आपस में तालमेल बनाने के भी निर्देश दिए।


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