कोरोना महामारी के बाद बदल रहा पर्यटन! अब घूमने के साथ सीखने का भी मौका, सरकार अतुल्य भारत 3.0 अभियान शुरू करने जा रही, जानें क्या होगा खास?

कोरोना महामारी के बाद पर्यटन बदल रहा है। पर्यटक स्थलों को देखने के साथ उसे महसूस करना चाहते हैं।

Update: 2022-04-30 05:40 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के बाद पर्यटन बदल रहा है। पर्यटक स्थलों को देखने के साथ उसे महसूस करना चाहते हैं। उस स्थल के आस-पास होने वाली गतिविधियों का अनुभव करना चाहते हैं। पर्यटकों की इस ख्वाहिश को ध्यान में रखते हुए पर्यटन मंत्रालय नया अतुल्य भारत अभियान शुरू कर रहा है।

अतुल्य भारत 3.0 अभियान के तहत सरकार पर्यटन के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इन बदलावों के तहत पर्यटक उसके आस-पास के क्षेत्र और गतिविधियों का भी अनुभव कर पाएंगे। इसके साथ पर्यटक उस स्थल के आस-पास की मशहूर वस्तुओं को बनाने के बारे में भी सीख सकेंगे। पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक रूपिंदर बरार कहतीं हैं कि कोविड के बाद पर्यटकों की मांग में बदलाव आया है। पर्यटक अब किसी पर्यटन स्थल को देखने के बजाय उस जगह का अनुभव करना चाहते हैं। वह सीखना चाहते हैं। अतुल्य भारत 3.0 अभियान में इन सभी बातों का ख्याल रखा जाएगा।
बकौल उनके, कोई पर्यटक जोधपुर जाता है। वह पर्यटन स्थलों को देखता है। उसे हर स्थान पर खास अंदाज की जूतियां बिकती हुई दिखती हैं। ज्यादातर पर्यटक दुकानदारों से उन्हें बनाने की प्रक्रिया के बारे में प्रश्न करते हैं। ऐसे में हमारी कोशिश है कि वह खुद जूती बनाने का अनुभव कर सके। इसलिए अतुल्य भारत 3.0 अभियान में पर्यटक स्थल को देखने, घूमने के साथ उसका अनुभव और प्रशिक्षण को शामिल किया है। कोई पर्यटक ताजमहल देखने गया है, तो वह कुछ घंटों में पेठे की मिठाई बनाना सीख सकता है।
मंत्रालय ने 2002 में अतुल्य भारत अभियान शुरू किया था। इसके तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद की तरफ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया गया था। इस अभियान ने देश में पर्यटन के क्षेत्र में संभावनों के कई नए द्वार खोले। पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2017 में अतुल्य भारत 2.0 के तहत विभिन्न गंतव्यों और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान केंद्रित किया था।
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