दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सभी जिलों में तैनात होंगी महिला कमांडो, जानिए क्या है इनकी खासियत
राजधानी दिल्ली के सभी 15 जिलों में महिला कमांडो दस्ते की तैनाती की जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी दिल्ली के सभी 15 जिलों में महिला कमांडो दस्ते की तैनाती की जा रही है। यह दस्ता दिल्ली पुलिस के 'पराक्रम वाहन' में तैनात होगा। यह आतंकी मामलों से निपटने के लिए तैयार किए गए स्वैट कमांडो की तर्ज पर काम करेगा। महिला कमांडो दस्ते को तैयार करने की मुहिम की शुरुआत वैसे तो 2018 में हुई थी। उस वक्त महज 36 महिलाओं को ही यह ट्रेनिंग दी गई थी।
इन प्रशिक्षित महिला कमांडो को कुछ खास मौके और खास जगह पर ही तैनात किया जाता था। लेकिन, समय के साथ महिला कमांडो दस्ते की उपयोगिता को बढ़ाने का फैसला लिया गया। जिसके बाद जिलों में तैनात किए जाने वाले पराक्रम वाहन में भी महिला कमांडो दस्ते को तैनात करने का फैसला लिया गया। इनकी ट्रेंनिग बेहद कठिन थी। इस दौरान महिला कमांडो केवल पांच से छह घंटे ही आराम करती थीं।
पराक्रम वाहन
दिल्ली पुलिस की अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो वाहन को पराक्रम नाम दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और आतंकी गतिविधियों से निपटने के उद्देश्य से इन वाहनों को तैयार किया गया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आसानी से कमांडो जब अपनी पोजिशन ले तो उसका पता दुश्मनों को न मिल सके। दुश्मनों पर चौतरफा हमला करने के लिए कमांडो दस्ते के हथियार की पोजिशन हर दिशा में होती है।
खासियत
हर पराक्रम वाहन टीम के पास अत्याधुनिक कैमरे, हथियार सहित तमाम आधुनिक सुरक्षा उपकरण और हथियार मौजूद हैं। सभी कमांडो को नी और हैंड गार्ड भी दिए गए हैं, ताकि वे किसी आपातकालीन स्थिति में जमीन पर लेटे हुए भी निशाना लगा सकें।
महिलाओं को लेकर शुरुआत
1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से दिल्ली पुलिस ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाया है, जिसकी मदद से राजधानी में होने वाले महिला अपराध को लेकर एक रूटमैप तैयार किया गया है।
2. महिलाओं के खिलाफ ज्यादा अपराध होने वाले 44 थानों की पहचान और कॉल के आधार पर वार्षिक, मासिक, साप्ताहिक और प्रतिदिन का खाका तैयार कर उससे निपटने की रूपरेखा तैयार हुई।
3. महिला पुलिसकर्मियों से लैस पीसीआर वाहनों की शुरुआत। इस व्यवस्था के तहत पूरी तरह प्रशिक्षित 312 महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है