मजिस्ट्रेट ने महिला उत्पीड़न वाले मामले में पुलिस की रिपोर्ट को हवा हवाई बताते हुए मामले को किया निरस्त
नॉएडा कोर्ट रूम न्यूज़: महिला पर जानलेवा हमला और दहेज उत्पीड़न समेत अन्य मामलों में अदालत ने सेक्टर-24 कोतवाली पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है। मामले में विवेचक द्वारा लगाई गई अंतिम रिपोर्ट को हवा हवाई बताते हुए प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने निरस्त कर दिया है। कोतवाली प्रभारी को मामले की अग्रिम विवेचना कराए जाने के भी आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला: सेक्टर-24 कोतवाली में वर्ष 2019 में वादी अनिल कुमार वालिया ने तुषार वालिया समेत परिवार के छह अन्य सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 323, 406, 504, 506, 498ए और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि तुषार वालिया पक्ष ने उनकी बेटी सुवीरा वालिया को वर्षों तक दहेज के लिए प्रताड़ित करने के साथ उसकी हत्या का प्रयास किया था। आरोप है कि मामले में विवेचक ने आरोपी पक्ष के साथ सांठगांठ कर घटनास्थल का निरीक्षण किए बिना अदालत में अंतिम रिपोर्ट लगा दी, जबकि 161 के बयान में आरोपी पक्ष ने विवेचक के समक्ष बयान दर्ज कराए थे कि सुवीरा ने घर पर पर्दे की रोड से आत्महत्या का प्रयास किया था।
विवेचक की लापरवाही सामने आई: विवेचक ने बयान दर्ज कर लिए और घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया और न ही आत्महत्या के प्रयास में शामिल हुई चुन्नी, दुपट्टा और साड़ी इत्यादि वस्तु को बरामद किया। वादी पक्ष के अधिवक्ता ने इस मामले को कोर्ट में उजागर किया तो विवेचक की लापरवाही सामने आ गई।
कोतवाली प्रभारी को नए सिरे से विवेचना के आदेश: एडीजे प्रथम न्यायाधीश के यहां पर मामला विचाराधीन था। न्यायाधीश ने उक्त प्रकरण में पुलिस की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही प्रकरण में लगी अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर कोतवाली प्रभारी को नए सिरे से अग्रिम विवेचना के आदेश दिए हैं।