स्मार्ट सिटी में लावारिस कुत्तों का आतंक, निगम पर ध्यान न देने का आरोप लगाया

Update: 2023-03-21 11:09 GMT

फरीदाबाद न्यूज़: स्मार्ट सिटी के लोग लावारिस कुत्तों के काटने से परेशान हैं . हर रोज लोग कुत्तों से काटे जाने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए बीके अस्पताल पहुंच रहे हैं. शहर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की तमाम शिकायतों के बावजूद नगर निगम प्रशासन लोगों को कुत्तों से काटने से बचाने के लिए इंतजाम करने में विफल रहा है.

हर रोज औसतन 130 लोग कुत्तों से काटने के इंजेक्शन लगवाने के लिए बीके अस्पताल आते हैं. इनमें से 30 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें पहली बार कुत्ते ने काटा होता है. जबकि बाकी लोग अपना दूसरा और तीसरा इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल आते हैं. भी बीके अस्पताल में कुछ महिला, बच्चे और युवा इंजेक्शन लगवाने के लिए बीके अस्पताल आए हुए थ, लेकिन यहां पर पिछले एक सप्ताह से इंजेक्शन नहीं है. इस कारण लोग अपने घरों को लौट रहे थे. इंजेक्शन लगाने वाले स्टाफ में से एक ने बताया कि यहां पर 100 रुपये में कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लग जाता है, लेकिन प्राइवेट डॉक्टर के पास जाने पर 350 रुपये चुकाने पड़ते हैं.

शहर की तमाम आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी कुत्तों के काटे जाने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. जिस तरह गौशाला बनाई गई हैं,उसी तरह कुत्तों के लिए भी जगह निश्चित होनी चाहिए. वहां उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जानी चाहिए. नगर निगम सिर्फ दावे ही कर रहा है, लेकिन धरातल पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा है.

-एएस गुलाटी, महासचिव, कन्फरडेशन ऑफ आरडब्ल्यूए

हर तरह की सुरक्षा के मानकों का पालन होने के कारण ही लोग फ्लैट में रहना पसंद करते हैं. फिर भी सोसाइटी के अंदर लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. यह काफी गंभीर समस्या है. नगर निगम से शिकायत करने पर भी कुछ हासिल नहीं हुआ है. भी एक घरेलू सहायिका को कुत्ते ने काट लिया था. हमारी सोसाइटी में 100 से ज्यादा लोगों को कुत्तों द्वारा काटा जा चुका है.

-रणमीक चहल, प्रिंसेस पार्क सोसाइटी, ग्रेटर फरीदाबाद

आरडब्ल्यूए के पास पहुंच रहीं शिकायतें

लोग आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से कुत्तों के काटने की शिकायतें कर रहे हैं. एनआईटी पांच में तो कुत्तों का झुंड घूमता रहता है. आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों का कहना है कि ये कुत्ते दोपहिया सवारों का पीछा करते हैं तो कभी सैर करने लोगों को चुपके आके काट जाते हैं. यही नहीं कुत्तों ने पार्कों में भी डेरा जमा लिया है. पार्क में सैर करने में भी लोग डरते हैं. कुछ लोग रात में पार्क में टहलते समय अपने हाथ में डंडे लेकर सैर करते नजर आते हैं. कुछ आरडब्ल्यूए ने पार्क के छोटे गेटों में स्प्रिंग लगवाई हैं, ताकि हाथ से खोले जाने पर ही ये गेट खुल सकें.

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