सोनिया गांधी जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार पर विपक्षी नेताओं से करेंगी चर्चा, जून के मध्य में जारी होगी अधिसूचना
राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच बातचीत की सरगर्मी शुरू हो गई है। इस क्रम में कांग्रेस की ओर से भी विपक्षी दलों को साधने की तैयारी की जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच बातचीत की सरगर्मी शुरू हो गई है। इस क्रम में कांग्रेस की ओर से भी विपक्षी दलों को साधने की तैयारी की जा रही है। पार्टी से मिले संकेतों से साफ है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार पर सहमति की बनाने की पहल शुरू करेंगी। इस क्रम में वे विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से सीधे संवाद करेंगी। कांग्रेस से असहज चल रहे कुछ प्रमुख क्षेत्रीय दलों-तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति आदि को साधने के लिए कांग्रेस नेतृत्व राकांपा प्रमुख शरद पवार को अहम भूमिका में रखने की तैयारी में है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के बीच अभी तक कोई औपचारिक या अनौपचारिक बैठक नहीं हुई है। हालांकि, क्षेत्रीय दलों को जोड़ने के बहाने तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने तीन दिन पहले आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार उतारने की संभावनाओं पर चर्चा की। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर भी सोमवार को हुई बैठक में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा किए जाने की खबरें हैं। राष्ट्रपति चुनाव जुलाई के दूसरे-तीसरे सप्ताह में होना है। इसके लिए अधिसूचना जून के मध्य में जारी होगी। जाहिर है ऐसे में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के पास रणनीति तय करने के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं है।
उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस ने अभी अपना रुख नहीं किया साफ
राष्ट्रपति चुनाव में आंकड़ों के हिसाब से एनडीए का पलड़ा भारी है। मगर उसे अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कुछ क्षेत्रीय दलों वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल आदि के समर्थन की सख्त जरूरत है। वोटों के गणित को देखते हुए विपक्षी दल ऐसे साझा उम्मीदवार की संभावना तलाश रहे हैं, जिसके जरिये इन दलों को साधा जा सके। इस लिहाज से कई क्षेत्रीय दलों का दबाव है कि कांग्रेस अपने किसी नेता को उम्मीदवार बनाने के बजाय तमाम विपक्षी दलों की सहमति से तय नाम को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करे। कांग्रेस ने इस पर अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। मगर ऐसा संकेत भी नहीं दिया है कि वह इसके खिलाफ है। माना जा रहा है कि शरद पवार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन सरीखे विपक्ष के बड़े नेताओं से सोनिया गांधी की प्रस्तावित चर्चा के बाद कांग्रेस इस बारे में अंतिम फैसला करेगी।