दिल्ली के निजी अस्पतालों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के गंभीर मरीज, वेंटिलेटर बेड अधिकतर जगह फुल
दिल्ली में कोरोना के गंभीर हालत वाले मरीज तेजी से बढ़े हैं। पिछले छह दिनों में अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 80 फीसदी तक बढ़ी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में कोरोना के गंभीर हालत वाले मरीज तेजी से बढ़े हैं। पिछले छह दिनों में अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 80 फीसदी तक बढ़ी है। कुछ निजी अस्पतालों में तो सभी कोविड वेंटिलेटर बेड फुल हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं, जहां अभी आधे कोविड वेंटिलेटर बेड खाली हैं। हालांकि, अस्पतालों में भर्ती अधिकतर गंभीर कोरोना मरीज दूसरी बीमारियों के चलते भर्ती हुए थे, लेकिन अस्पताल की जांच में कोरोना पीड़ित मिले।
वेंटिलेटर पर छह दिनों में 131 से बढ़कर 235 हुए मरीज :अस्पतालों में 10 जनवरी को कोरोना के कुल 131 वेंटिलेटर बेड भरे थे, लेकिन 16 जनवरी शाम तक इनकी संख्या बढ़कर 235 हो गई। इसी तरह कोरोना आईसीयू के 436 बेड 10 जनवरी को भरे थे, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर 760 हो गई है।10 जनवरी को ऑक्सीजन के 1863 बेड भरे थे, लेकिन 16 जनवरी को इनकी संख्या बढ़कर 2561 हो गई।
अधिकतर मरीज पहले से बीमार : सरकारी अस्पतालों के आईसीयू में भर्ती अधिकतर गंभीर कोरोना मरीज ऐसे हैं जो दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश ने बताया कि भर्ती कोरोना के 150 मरीजों में 90 फीसदी ऐसे हैं जो किसी और बीमारी से पीड़ित थे, लेकिन जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इनमें 30 से अधिक तो गर्भवती महिलाएं हैं, जो डिलीवरी के लिए अस्पताल आई थीं।
सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने बताया कि उनके यहां 102 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं और इनमें लगभग 90 फीसदी दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं हालांकि कुछ लोगों में कोरोना के गंभीर लक्षण जैसे सांस की समस्या भी देखी गई है, लेकिन ऐसे मरीज बहुत कम हैं। इसी तरह अपोलो अस्पताल का कहना है कि उनके यहां भर्ती ज्यादातर मरीज दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं।
क्या है अस्पतालों में बेड की स्थिति
अस्पताल वेंटिलेटर बेड भरे बेड
होली फैमिली 18 18
सर गंगाराम 12 12
बीएल कपूर अस्पताल 08 08
फोर्टिस, शालीमार बाग 06 06
कलावती सरन 05 05
आकाश 03 03
मैक्स ईस्ट/वेस्ट ब्लॉक 03 03
यहां 80 से अधिक वेंटिलेटर बेड भरे
एम्स ट्रामा सेंटर 41 33
सफदरजंग अस्पताल 31 22
''पहले से मधुमेह, रक्तचाप जैसी बीमारियों से संक्रमित शुगर के स्तर और रक्तचाप को नियंत्रित रखने की कोशिश करें। अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज भी सावधानी बरतें। साथ ही भीड़ भाड़ वाली जगह जाने से जहां तक संभव हो बचें। करीबी लोग भी बिना मास्क के उनसे न मिलें।''