Shivpuri. शिवपुरी। ऑनलाइन गेमिंग के बहाने युवाओं को करोड़ों रुपये कमाने का प्रलोभन देकर ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को पुलिस ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी शहर के कृष्णपुरम कालोनी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों के तार श्रीलंका और दुबई तक से जुड़े हुए हैं और ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर चलाए जा रहे सट्टे में लगाए जा रहे पूरे पैसे का ट्रांजेक्शन विभिन्न माध्यमों से विदेशी खातों में रहा है। आरोपितों के कब्जे से दो लैपटाप, एक टेबलेट, छह मोबाइल, तीन चेक बुक, तीन एटीएम कार्ड जब्त किए गए हैं। पुलिस ने सट्टा अधिनियम के धाराओं में प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है। कोतवाली थाना क्षेत्र के कृष्णपुरम कालोनी में पिछले कुछ दिनों से छह संदिग्ध लोग आकर रह रहे हैं। इस सूचना पर पलिस ने 21 दिसंबर की देर रात दबिश दी।
ये लोग फर्जी अनरजिस्टर्ड साइटों के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग के बहाने सट्टा खिलवाते मिले। पुलिस ने वहां मौजूद छह लोगों को पकड़कर पूछताछ की तो उनकी पहचान ग्वालियर के डबरा निवासी संदीप माहौर, धीरज सेन, अजय सेन, आदित्य सेन, निखिल गुप्ता और भिंड के खूजा निवासी रामकुमार धाकड़ के रूप में की गई। पकड़े गए युवा महज 8वीं से लेकर 12वीं तक की शिक्षा हासिल किए हुए हैं। आरोपितों ने बताया कि इस पूरे खेल को संचालित करने वालों को वह जानते नहीं हैं। जिन नंबरों से वह बात करते हैं, वे सभी नंबर देश के बाहर के हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो इन युवकों को भोपाल में करीब 15 दिन तक ट्रेनिंग दी गई थी, इसके बाद उन्हें शिवपुरी भेजकर यह काम कराया जा रहा था। विधि विशेषज्ञ एडवोकेट अभय जैन का कहना है कि जिस तरह का यह मामला बताया जा रहा है, उसके हिसाब से यह मामला सिर्फ सट्टा अधिनियम का नहीं है। अगर गेमिंग अथवा सट्टा ऑनलाइन हो रहा था तो यह साइबर फ्राड का मामला बनता है, जिसमें आरोपितों के खिलाफ आइटी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज होना चाहिए। अगर आरोपितों के तार देश के बाहर से जुड़े हैं और पैसे का लेनदेन किसी भी माध्यम से विदेशी खातों में हो रहा है तो यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ जाता है।