राहुल ने WHO के कोविड आंकड़ों को लेकर केंद्र को घेरा, कही ये बातें
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में कोरोनावायरस की वजह से 47 लाख लोगों ने जान गंवाई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus in India) की वजह से 47 लाख लोगों ने जान गंवाई है. लेकिन WHO के इस आंकड़ें पर सरकार (WHO India Covid Death) ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही कहा है कि WHO का डेटा इकट्ठा करने का तरीका संदिग्ध है. वहीं, अब विपक्ष WHO द्वारा जारी आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी इस मुद्दे पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाने पर लिया है. साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'कोविड महामारी की वजह से 47 लाख भारतीयों ने जान गंवाई है. 4.8 लाख नहीं, जैसा की सरकार द्वारा दावा किया गया है. विज्ञान कभी झूठ नहीं बोलता है. मोदी बोलते हैं. उन परिवारों का सम्मान करें, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. उन्हें 4 लाख रुपये का मुआवजा देकर उनकी मदद करें.' दरअसल, WHO ने गुरुवार को कहा कि पिछले दो सालों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोनावायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई. WHO का अनुमान है कि भारत में कोरोना से 47 लाख लोगों की मौत हुई. WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने आंकड़ों को गंभीर बताया.
भारत ने WHO के आंकड़ों पर क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत WHO द्वारा गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर लगातार आपत्ति जताता रहा है. बयान में कहा गया, इस मॉडल की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद WHO ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है.
भारत ने WHO को यह भी सूचित किया था कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डेटा की उपलब्धता को देखते हुए गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के लिए अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. नयी दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य एसेंबली और आवश्यक बहुपक्षीय मंचों पर उठा सकता है.
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा, 'अब जबकि सभी कारणों से अधिक मौतों की वास्तविक संख्या उपलब्ध है, केवल मॉडलिंग आधारित अनुमानों का उपयोग करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में मौतों की संख्या 6.9 लाख अधिक थी. उन्होंने कहा कि कोविड के लिए स्थापित एक मजबूत निगरानी प्रणाली के आधार पर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कोविड की मृत्यु 1.49 लाख थी.