संस्कृत विश्वविद्यालय में भी नई शिक्षा नीति के तहत शुरू होंगे प्रोफेशनल कोर्स, इसको लेकर तैयार किया जा प्रारूप

राजधानी दिल्ली में वेद,पुराण, उपनिषद के साथ पारंपरिक कोर्स पढ़ाने वाले संस्कृत विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत कई प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। इसको लेकर प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

Update: 2022-05-27 05:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी दिल्ली में वेद,पुराण, उपनिषद के साथ पारंपरिक कोर्स पढ़ाने वाले संस्कृत विश्वविद्यालय (Sanskrit University) नई शिक्षा नीति के तहत कई प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। इसको लेकर प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

राजधानी स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में पैरामेडिकल, वास्तु के अलावा आयुर्वेद मेडिसिन और सिविल सर्विस से संबंधित चैप्टर की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने बताया कि हमारे यहां कई प्रोफेशनल कोर्स शुरू होने वाले हैं। इसको लेकर अभी प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
संस्कृत के अलावा, योग, संगीत, आयुष आदि के तहत पढ़ाई का प्रावधान करने की तैयारी है। प्रोफेशनल कोर्स में ज्योतिष और वास्तु का कर रहे हैं। इसके अलावा जुलाई से योग और नेचुरोपैथी में पीजी डिप्लोमा शुरू करने की योजना है। इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसमें इस विषय की सैद्धांतिक पढ़ाई हम कराएंगे और प्रयोगात्मक पढ़ाई के लिए विद्यार्थी राजधानी स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाएंगे।
विदेशी विश्वविद्यालयों से अनुबंध करेंगे : प्रो. पाठक ने कहा कि भविष्य में विदेशी विश्वविद्याल के साथ हम अनुबंध करेंगे तो इसमें अन्य प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने की संभावना बढ़ जाएगी। सिविल सर्विस के कंटेट भी किसी न किसी माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। हमारे यहां योग में बीए और एमए शुरू किया गया है।
अगले वर्ष से प्राकृत भाषा में एमए खोलने की तैयारी : प्रो. पाठक ने बताया कि नई शिक्षा नीति में प्राकृत भाषा को काफी महत्व दिया गया है और हमारी कोशिश है कि अगले वर्ष से विश्वविद्यालय प्राकृत भाषा में एमए कोर्स शुरू करें।
आयुर्वेद संकाय के लिए मांगी 200 एकड़ जमीन : प्रो. पाठक ने बताया कि आयुर्वेद संकाय खोलने के लिए हमने दिल्ली एनसीआर में 200 एकड़ जमीन की मांग सरकार से की है। यहां पर बीएएमएस और आयुर्वेदाचार्य की कंबाइंड डिग्री देंगे। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय से मांग की है।
विज्ञान, संस्कृत को लेकर कोर्स शुरू होंगे
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के जन सपंर्क अधिकारी डॉ. अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि आगामी समय में विज्ञान और संस्कृत को लेकर पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है। संस्कृत को अन्य भाषाओं के साथ समायोजित करने की तैयारी है। ताकि संस्कृत के साथ साथ प्रोफेशनल और तकनीकी कोर्स भी कर सकें। नई शिक्षा नीति के अनुसार पौरहित्य, कंप्यूटर, आयुर्वेद बॉयलॉजी कोर्स शुरू करने को लेकर परामर्श चल रहा है। इसे भी मूर्त रूप में लाया जाएगा।
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