नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी 27 जून से सिकल सेल के खात्मे को लेकर एक बड़े अभियान की शुरुआत करेंगे. स्वास्थ्य के प्रति बेहद गंभीर मंशा दर्शाते इस सिकल सेल मिशन को मध्य प्रदेश के शहडोल में लांच किया जाएगा. सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो नसों में ब्लाकेज कर देती है. यह आनुवांशिक बीमारी है और पीएम मोदी जिस मिशन की शुरुआत कर रहे हैं उसका उद्देश्य इसके तहत देश को 2047 तक सिकल सेल से मुक्त करना है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सिकल सेल एनीमिया बीमारी को लेकर ऐलान किया था. इसमें केंद्र सरकार ने साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के मुताबिक देश के 17 राज्यों में रहने वाले 7 करोड़ से अधिक ट्राइबल में सिकल सेल खासतौर पर दिखाई देता है. 2047 तक सिकल सेल मुक्त बने इसके लिए 7 करोड़ से अधिक ट्राइबल की स्क्रीनिंग करके उन्हें सिकल सेल कार्ड दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सिकल सेल के लिए स्क्रीनिंग बहुत जरूरी होती है. सभी की स्क्रीनिंग होने से कौन व्यक्ति सिकल से ग्रस्त है या फिर सिकल सेल मुक्त है, इसकी पहचान होने से फायदा ये होगा कि भविष्य में सिकल सेल को आगे बढ़ने से रोका जा सकेगा. देश को सिकल सेल मुक्त कराने जैसे बेहद ही महत्वपूर्ण मिशन को प्रधानमंत्री शुरू करने जा रहे हैं.
सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक आनुवांशिक बीमारी है. इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या उनका साइज और शेप बदलने लगती है जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर देती हैं. सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है. जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है. वहीं शरीर में खून की कमी हो जाने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों के डेमेज होने का भी कारण बनता है. इनमें किडनी, स्पिलीन यानी तिल्ली और लिवर शामिल हैं.