कल संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 नवंबर को संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे.

Update: 2021-11-25 17:28 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 26 नवंबर को संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे. यह समारोह सुबह 11 बजे आयोजित होगा. इसके अलावा वह विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "कल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यह उन महान लोगों के असाधारण प्रयासों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमारा संविधान बनाया. मैं कल 2 कार्यक्रमों में भाग लूंगा. पहला सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे और दूसरा शाम 5:30 बजे विज्ञान भवन में.
"सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस सांसद
हालांकि कांग्रेस सांसद संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस सांसद कल संसद में सेंट्रल हॉल कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे.

संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था. संविधान दिवस की शुरुआत 2015 से की गई थी. भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था.
वहीं पीएमओ ने कहा, ''इस वर्ष संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद और विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.'' इनके अलावा प्रधानमंत्री उच्चतम न्यायालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय संविधान दिवस समारोहों का उद्घाटन भी करेंगे.

पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेकैया नायडू भी करेंगे कार्यक्रम को संबोधित
पीएमओ के मुताबिक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत 11 बजे होगी, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति के संबोधन के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया जाएगा.
इससे पहले संवैधानिक लोकतंत्र के महत्व के बारे में बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने गुरुवार को कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी-अपनी सीमाओं में रहकर बेहतर ढंग से और समन्वय के साथ काम करना चाहिए ताकि देश की जनता और समाज का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा कि छात्रों एवं युवाओं को कानून बनाने की प्रक्रिया के दौरान सरकार और जन प्रतिनिधियों को सुझाव एवं राय देनी चाहिए.


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