Omicron in Delhi: पुलिस इंस्पेक्टर को बनाया जाएगा 'नोडल ऑफिसर', अस्पताल जाकर लेंगे हालचाल
कोविड-19 के नए और बेहद तेजी से संक्रमण फैलाने की ताकत रखने वाले वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को काबू करने के लिए दुनिया जूझ रही है.
कोविड-19 के नए और बेहद तेजी से संक्रमण फैलाने की ताकत रखने वाले वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को काबू करने के लिए दुनिया जूझ रही है. इस पर काबू पाने के लिए जहां जिसको जैसा उपाय कारगर नजर आता है, वह उस पर अमल करने में जुट जा रहा है. देश की राजधानी में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने भी बीते कोरोना-काल में अपने तमाम बहादुर जवानों को खो दिया है.
अब तक के अनुभव से सीखी दिल्ली पुलिस ने अब अपनी और ओमिक्रॉन से संक्रमितों पर नजर रखने के लिए एक नई रणनीति बनाई है. जिसके तहत दिल्ली पुलिस ने तय किया है कि राजधानी के हर जिले में अब उसके एक इंस्पेक्टर या फिर उससे बड़े पद वाले किसी अफसर को "नोडल अफसर" (Delhi Police Omicron Nodal Officer) बनाया जाएगा.
इसलिए आयोजित करनी पड़ी वर्चुअल मीटिंग
पुलिस के इस नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारियां क्या होंगी? साथ ही कोरोना के इस बेहद तेजी से फैलने वाले वेरिएंट को रोकने के लिए महकमे को और क्या-क्या एहतियाती कदम उठाने होंगे? इसके लिए बुधवार को एक वर्चुअल मीटिंग का भी आयोजन किया गया. यह मीटिंग दिल्ली पुलिस की विशेष पुलिस आयुक्त आईपीएस शालिनी सिंह ने बुलाई थी.
बैठक का मकसद था कि जिस तेज गति से संक्रमण को फैल रहा है, उससे हड़बड़ाने की जरुरत बिलकुल नहीं है. जरूरत है धैर्य और समझदारी के साथ राजधानी में फैलने वाले ऑमिक्रॉन के संक्रमण (Omicron in Delhi) से बचने और बचाने के उपायों पर अमल करने की.
घबराने की नहीं, एहतियात की जरूरत है
जग-जाहिर है कि मार्च 2020 से अब तक कोरोना वायरस के जो भी बदतर हालात देश में उत्पन्न हुए, उनमें ओमिक्रॉन सबसे ज्यादा तेजी से फैलाने वाला वेरिएंट है. लिहाजा इससे बचाव के उपाय भी तेज गति से ही अमल में लाने होंगे. दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह ने बुधवार को टीवी9 भारतवर्ष से कहा,"जिस तेज गति से लोगों में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण फैल रहा है, पुलिस उसे रोकने के त्वरित उपाय करने में जुट गई है."
उन्होंने कहा, "इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में जरा सी भी लापरवाही या देरी भारी पड़ सकती है. वो चाहे फिर पुलिसकर्मी द्वारा की गई हो या फिर किसी आम इंसान द्वारा. ऐसे में दिल्ली पुलिस का मुख्य उद्देश्य है कि, इसके फैलने के कारणों की चेन को ही न बनने दिया जाए. या जल्दी से जल्दी किसी बन चुकी चेन को तोड़ दिया जाए."
केंद्र सरकार के दिशा निर्देश सर्वोपरि हैं
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों को संबोधन के बाद स्पेशल पुलिस कमिश्नर शालिनी सिंह ने आगे कहा, "केंद्र सरकार ने ऑमिक्रॉन संक्रमण को रोकने के लिए मापदंड, दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं. हमारा उद्देश्य उन पर सख्ती से अमल कराना है. इसी के तहत अब दिल्ली पुलिस ने एहतियातन हर जिले में इंस्पेक्टर या फिर उससे बड़े स्तर के, किसी एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाने के विचार को अंतिम रूप दे दिया है."
उनके अनुसार, इस नोडल अफसर की जिम्मेदारी होगी कि जब तक और जो भी ओमिक्रॉन संक्रमित उसके इलाके के किसी भी अस्पताल में दाखिल रहेगा. नोडल अफसर रोजाना उसकी प्रगति रिपोर्ट दर्ज करके उच्चाधिकारियों के जरिए विभाग को बताएगा.
कोरोना में दिल्ली पुलिस ने भी नुकसान उठाया
उल्लेखनीय है कि बीते डेढ़ साल की अवधि में दिल्ली पुलिस कोरोना से हमारी आपकी तरह ही जूझ रही थी. उसने अपने कई बेकसूर बहादुर जवान-अफसर भी कोरोना में खो दिए. नोडल ऑफिसर जिलावार मगर अब से पहले शायद कभी नहीं नियुक्त किए गए थे. मतलब हर जिले में दिल्ली पुलिस की ओर से भी अपना एक नोडल अफसर तैनात-नियुक्त किए जाने का यह पहला अवसर है.
दिल्ली पुलिस का अगर कोई भी कर्मचारी या अफसर ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर अस्पताल में दाखिल होता है, तो जिले के डीसीपी, नोडल अफसर और यूनिट हेड की जिम्मेदारी होगी कि वो प्रतिदिन अपने उस मातहत पुलिसकर्मी-अफसर से उसकी कुशल-क्षेम पूछेगा. साथ ही संबंधित संक्रमित पुलिस कर्मचारी के परिवार से भी हालचाल प्रतिदिन लेगा.
यह हैं दिल्ली पुलिस की "अपनों" के लिए तैयारियां
दिल्ली में स्थापित सभी 8 वेलनेस सेंटर्स (Wellness Centers) और रोहिणी व शाहदरा जिले में मौजूद दोनों कोविड केयर सेंटर (Covid Care Centers) दिन-रात किसी भी आपात स्थिति के लिए उपलब्ध रहेंगे. इस बारे में जिला पुलिस प्रमुख, जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाकर रखेंगे. जिला पुलिस प्रमुख और दिल्ली पुलिस की बाकी तमाम यूनिट्स के प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी कि वे, ओमिक्रॉन संक्रमित पुलिस कर्मियों की हर आपात स्थिति में मदद के लिए ऑक्सीजन, दवाइयों, कंसंट्रेटर्स, सैनिटाइजेशन, मास्क का इंतजाम पहले से ही करके रखेंगे.
पुलिस कर्मियों के बूस्टर वेक्सीनेशन का रिकार्ड भी हर वक्त तैयार रखने की हिदायत स्पेशल पुलिस कमिश्नर शालिनी सिंह की ओर से दी गई. दिल्ली पुलिस कर्मियों के परिवार में मौजूद 15 से 18 के बच्चों को वेक्सीनेशन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए दिल्ली की सभी पुलिस आवासीय कालोनियों में हेल्प-डेस्क स्थापित की जाएंगी.