नई दिल्ली: पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा ट्रेन यात्रा को अधिक संरक्षित और सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। यह अपने सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड और अनुरक्षण करने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत उपायों को अपना रहा है। सिग्नलिंग संचार प्रणालियों को संदर्भित करता है, जिसका उपयोग चालकों और संचालकों को विजुअल इंफोर्मेशन प्रदान कर ट्रेनों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जोन के सभी पांच मंडलों यानी तिनसुकिया, लामडिंग, रंगिया, अलीपुरद्वार और कटिहार में सुदृढ़ीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रेलवे द्वारा नियमित रूप से सिग्नलिंग सिस्टम के कई स्वचालित परीक्षण किये जाते हैं, जिसके द्वारा मानवीय त्रुटियों की जांच कर उसे ठीक किया जाता है। इसके अलावा, जब और जहाँ भी आवश्यक हो, सिग्नलिंग प्रणालियों में अपग्रेडेशन के साथ-साथ प्रतिस्थापन और नए संस्थापन किए जाए हैं। पूर्वोत्तर सीमा
अधिक कुशल और सुरक्षित रेलवे के लिए, पू. सी. रेलवे ने अपने जोन के अधीन कई सेक्शनों पर अपनी मौजूदा सिग्नलिंग प्रणाली में कई उन्नयन और प्रतिस्थापन किए हैं। फरवरी, 2024 के दौरान कटिहार, लामडिंग और तिनसुकिया मंडलों के तीन समपार फाटकों पर मैकेनिकल लिफ्टिंग बेरियर्स को इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बेरियर्स से बदल दिया गया। आदिना से ओल्ड मालदा और तेलता से डालखोला ब्लॉक सेक्शनों में, क्रमशः आदिना साइड और तेलता साइड पर डबल लाइन ब्लॉक उपकरणों को बदला गया है। पांच स्टेशनों यानी कटिहार मंडल के डालखोला, बारसोई और मुकुरिया स्टेशन, रंगिया मंडल के सिलनीबारी स्टेशन और तिनसुकिया मंडल के डिब्रुगढ़ स्टेशन पर सिग्नल एलईडी को इंटीग्रेटेड टाइप एलईडी से प्रतिस्थापित किया गया। जोन के सभी पांच मंडलों में विभिन्न क्षमताओं वाले कुल 659 सिग्नलिंग बैटरियां भी बदली गईं। रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करता है और उसकी विश्वसनीयता एवं अनुरक्षण सीधे तौर पर रेलवे संचालन की क्षमता को प्रभावित करता है। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे अपने सभी ग्राहकों के लिए बेहतर, समयनिष्ठ और सुरक्षित रेल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है।