New Delhi: सनातन समर्थक हैं ट्रंप, भारत से करते हैं बेहद प्यार: बाबा रामदेव
ट्रंप की वापसी पर भारत ने दी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप की दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर वापसी ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप की इस जीत पर दुनियाभर में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। जहां कुछ देशों में इसे लेकर असमंजस की स्थिति है, वहीं भारत ने इसे सकारात्मक नजरिये से देखा है और ट्रंप के पुनः सत्ता में लौटने का स्वागत किया है। योग गुरु बाबा रामदेव ने ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देते हुए कहा कि ट्रंप भारत के प्रति सकारात्मक भावनाएं रखते हैं और सनातन धर्म के समर्थक हैं। रामदेव ने उनके राष्ट्रवादी विचारों की भी प्रशंसा की है।
बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया में ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति की तारीफ की और इसे भारत की राष्ट्रवादी विचारधारा के समान बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ट्रंप अपनी नीति में अमेरिका को प्राथमिकता देते हैं, उसी प्रकार भारत में राष्ट्रवाद का एक मजबूत स्थान है। उन्होंने कहा, “जो नेता अपने देश को प्राथमिकता देता है, वह इतिहास में अपनी विशेष जगह बनाता है।” रामदेव ने इसे ट्रंप की राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया और कहा कि उनके दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत-अमेरिका के संबंधों में नए युग की शुरुआत होगी।
रामदेव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप को उनके चुनावी जीत पर बधाई दी है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार देखने को मिला था। इस दौरान दोनों देशों ने कई प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए थे, जैसे ह्यूस्टन में “हाउडी मोदी” और अहमदाबाद में “नमस्ते ट्रंप।” रामदेव ने उम्मीद जताई कि दोनों देश भविष्य में वैश्विक शांति और स्थिरता को लेकर मिलकर काम करेंगे और उनके बीच की साझेदारी और भी मजबूत होगी।
रामदेव ने भविष्य में भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी, रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने दोनों देशों की साझेदारी की सराहना की और विश्वास जताया कि आने वाले समय में वैश्विक व्यापार और रणनीतिक क्षेत्रों में भारत-अमेरिका की नजदीकियां बढ़ेंगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस बार 270 से अधिक इलेक्टोरल वोट प्राप्त किए, जो अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक संख्या है। ट्रंप अमेरिकी इतिहास में ऐसे दूसरे व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने दो गैर-लगातार कार्यकालों के लिए राष्ट्रपति पद पर कार्य किया है। इससे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड ने 1884 और 1892 में इसी प्रकार से दो गैर-लगातार कार्यकालों में राष्ट्रपति पद संभाला था। ट्रंप ने पहले 2016 से 2020 तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी थी और अब एक बार फिर वे व्हाइट हाउस लौटे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की दोबारा राष्ट्रपति बनने की घटना ने भारत-अमेरिका के संबंधों को एक नई दिशा दी है। बाबा रामदेव सहित भारत के नेताओं ने इसे सकारात्मक कदम मानते हुए ट्रंप की राष्ट्रवादी विचारधारा की प्रशंसा की है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में दोनों देश किस प्रकार वैश्विक मंच पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं और इस साझेदारी का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ता है।