New Delhi: देश में सालाना होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 1.78 लाख है: नितिन गडकरी

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में मुंह छिपाना पड़ता है: गडकरी

Update: 2024-12-13 08:06 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक वक्तव्य से हर कोई दंग रह गया। जिसमें उन्होंने देश में लगातार बढ़ती जा रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अपनी गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि ‘सड़क दुर्घटनाओं में कमी तो भूल जाइए, मुझे ये कहने में कोई झिझक नहीं है कि विश्व स्तर पर इस मामले में भारत का सबसे गंदा रिकॉर्ड है। मैं सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा के लिए होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुंह छिपाने की कोशिश करता हूं’। स्वीडन ने हालांकि दुनिया में जीरो दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।

सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सालाना होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 1.78 लाख है। उत्तर प्रदेश इस मामले में शीर्ष पर है। वहां सड़क दुर्घटनाओं के 23 हजार 652 मामले सामने आए हैं। यह कुल दुर्घटनाओं का करीब 13.7 फीसदी होता है। इसके बाद तमिलनाडु में 18 हजार 347 मामले सामने आए। जो कि 10.6 फीसदी होता है। तीसरे स्थान पर 15 हजार 366 मामलों के साथ महाराष्ट्र (9 फीसदी) है। चौथे स्थान पर 13 हजार 798 मामलों के साथ मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 8 फीसदी पर रहा। इन चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर मामले में सुधार की कोशिश का तर्क गडकरी ने सदन के समक्ष दिया। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के शहरों में सामने आए मामलों के बारे में बताते हुए कहा कि दिल्ली में 1 हजार 457 मामले, बेंगलुरु में 915 और जयपुर में 850 सड़क दुर्घटना के मामले सामने आ चुके हैं। 

50 फीसदी के लक्ष्य तक पहुंचने से कोसो दूर: गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने मौजूदा साल के अंत तक देश में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े में 50 फीसदी की कटौती का लक्ष्य रखा था। इसे हम हासिल नहीं कर सके। बल्कि यह बढ़ गए हैं। यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है कि दुर्घटनाओं में 60 फीसदी मौतें 18 से 34 साल के युवाओं की हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सभी सांसदों से सहयोग करने का आह्वान किया। गडकरी ने कहा कि इस मामले में समाज के सहयोग की बेहद आवश्यकता है। लोग कानून का सम्मान नहीं करते जिसकी वजह से सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी केंद्रीय मंत्री को मामले पर सदन के सभी सदस्यों को पुन: पत्र लिखकर सहयोग करने की अपील की। जिसे उन्होंने स्वीकार किया।

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