New Delhi: देश के पूर्व राष्ट्रपति एवम् भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मधुर स्मृतियां तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के संग आज भी ताज़ा हैं। वह बतौर मुख्य अतिथि 12 बरस पूर्व 2012 में अपनी गरिमामयी मौजूदगी से यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह को गुलज़ार कर गए थे। समारोह के दौरान वह अपने सारगर्भित संबोधन में कभी शिक्षक, कभी अर्थशास्त्री तो कभी वैज्ञानिक की भूमिका में नज़र आए। उन्होंने स्टुडेंट्स को तरक्की के दस सूत्र भी सुझाए। वह यूनिवर्सिटी के अद्भुत,भव्य और अविस्मरणीय इस समारोह में करीब सवा दो घंटे रहे। सुरेश जैन और ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन मशहूर वैज्ञानिक डॉ. कलाम के वार्म वेलकम करने वालों में शामिल थे। मिसाइल मैन की पुण्य तिथि पर इनके दिलों दिमाग में आज भी भारत के इस सच्चे सपूत की मधुर स्मृतियां तो ताज़ा हैं ही, संग ही एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षत जैन और मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी सुश्री नंदिनी जैन पर भी मिसाइल मैन डॉ. कलाम की महान उपलब्धियों का गहरा असर है। कुलाधिपति
दीक्षांत समारोह में उन्होंने टीएमयू के छात्रों को आह्वान किया था, उन्हें भारत को विकसित देश बनाने के सपने को साकार करना है। इसके लिए ईमानदारी पहली शर्त है, इसीलिए देश में करप्शन को खत्म करना होगा। हमें आविष्कार,शोध,संरचनात्मक परिवर्तन और गरीबी दूर करने के लिए जुटना होगा। उन्होंने इस दीक्षांत समारोह में मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन, एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, दिल्ली के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ, बत्रा हॉस्पिटल, दिल्ली के ट्रस्टी डॉ. नरेंद्र बत्रा, इक्विटी निदेशक राकेश झुनझुनवाला आदि को मानद उपाधि से भी अलंकृत किया था। साथ ही विवि के 75 टॉपरों को स्वर्ण पदक और उपाधि प्रदान की थीं। उल्लेखनीय है, इसरो के निदेशक रहे डॉ. कलाम के सपनों को मूर्त रूप देने के प्रति टीएमयू बेहद संजीदा है। टीएमयू में न केवल इसरो ने इसी बरस अपना नोडल सेंटर खोला है। स्टार्ट-इसरो कार्यक्रम के तहत फर्स्ट ऑनलाइन प्रशिक्षण भी हो चुका है। इस 15 दिनी टेªनिंग में इसरो के करीब दो दर्जन वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिए थे। इन ई-क्लासेज में टीएमयू के इसरो नोडल सेंटर के 361 छात्रों ने परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रशिक्षण के दौरान इन स्टुडेंट्स ने सौर मंडल के रहस्यों को गहनता से समझा।