दिल्ली न्यूज: कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र पर सच्चाई को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि मई 2020 के बाद से लद्दाख में चीनी घुसपैठ से निपटने के लिए मोदी सरकार की पसंदीदा रणनीति को डीडीएलजे - डिनायल, डिस्ट्रैक्ट, लाई और जस्टिफाई के साथ अभिव्यक्त किया जा सकता है। कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने सोमवार को एक बयान में कहा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणी कांग्रेस पार्टी पर हमला करना मोदी सरकार की विफल चीन नीति से ध्यान हटाने का एक नया प्रयास है। मई 2020 से भारत ने लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक अपनी पहुंच खो दी है।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि 1962 और 2020 के बीच कोई तुलना नहीं है। 1962, जब भारत अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए चीन के साथ युद्ध में उतरा था, और 2020 जिसके बाद भारत ने इनकार के साथ चीनी आक्रामकता को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद डिसइंगेजमेंट हुआ, जिसमें भारत ने हजारों वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तक अपनी पहुंच खो दी। जयराम ने आरोप लगाया, 2017 में चीनी राजदूत से मिलने के लिए राहुल गांधी पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान एक विडंबना ही है कि ये ऐसे व्यक्ति से आ रहा है जो ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका में राजदूत के रूप में संभवत: प्रमुख रिपब्लिकन से मिला थे।
उन्होंने पूछा, क्या विपक्षी नेता व्यापार, निवेश और सुरक्षा की ²ष्टि से महत्वपूर्ण देशों के राजनयिकों से मिलने के हकदार नहीं हैं? मोदी सरकार को शुरू से ही सच बताना चाहिए था और संसदीय स्थायी समितियों में चीन संकट पर चर्चा कर और संसद में इस मुद्दे पर बहस कर विपक्ष को भरोसे में लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, कम से कम इन्हें प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए विस्तृत ब्रीफिंग करनी चाहिए थी। रमेश ने कहा,विदेश मंत्री जयशंकर ने कई मौकों पर स्वीकार किया है कि उन्हें पता नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच असामान्य रूप से लगातार संपर्क के बावजूद चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आक्रामक क्यों हो गया है। उन्होंने कहा, कोई भी भ्रम इस तथ्य को नहीं छिपा सकता है कि मोदी सरकार ने भारत के सबसे बड़े सीमा विवाद को छिपाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, हमारा सुझाव है कि विदेश मंत्री जयशंकर और सरकार चीनी सैनिकों को डेपसांग और डेमचोक से बाहर निकालने की कोशिश में अधिक समय दें और अपनी अक्षमता के लिए विपक्ष को दोष देने पर कम समय दें।